कोरोना टेस्टिंग की एक अनोखी किट विकसित कर रहा है आईआईटी दिल्ली

नई दिल्ली, 14 फरवरी (युआईटीवी/आईएएनएस)| आईआईटी दिल्ली जल्द ही कोरोना टेस्टिंग के लिए एक अनोखी किट विकसित करने जा रहा है। इस किट की खास बात यह है कि इससे कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति की जांच बेहद कम समय में की जा सकती है। कोरोना जांच करने वाली इस किट की विश्वसनीयता आरटी पीसीआर टेस्ट जैसी ही होगी, लेकिन आरटी पीसीआर के मुकाबले यह बहुत कम समय में जांच रिपोर्ट देने में सक्षम होगी। आईआईटी दिल्ली में विकसित की जा रही यह कोरोना जांच किट विश्वसनीय नतीजे देने के साथ-साथ कम लागत पर उपलब्ध होगी। इस किट के माध्यम से एंटीजन टेस्ट किट की तरह ही तेज गति से कोरोना की जांच संभव होगी। हालांकि एंटीजेंट किट के मुकाबले इसके नतीजे ज्यादा सटीक और विश्वसनीय होंगे।

आईआईटी दिल्ली के निदेशक वी. रामगोपाल राव ने आईएएनएस से कहा, हम कोरोना की तुरंत जांच करने वाली एक नई प्रकार की किट विकसित कर रहे हैं। यह एक बेहद आधुनिक त्वरित किट होगी। लेकिन इसकी विश्वसनीयता बाजार में मौजूद एंटीजेट किट के मुकाबले कहीं ज्यादा होगी। बड़ी बात यह भी है कि इसकी कीमत बेहद कम है। यह अगले कुछ दिनों में उपलब्ध हो सकेगी।

वी. रामगोपाल राव ने कहा कि दुनिया की सबसे किफायती आरटी पीसीआर किट हमने 399 रुपये में तैयार की है। इससे पहले देश में विभिन्न स्थानों पर कोरोना का आरटी पीसीआर टेस्ट 4500 रुपये में किया जा रहा था। आज आईआईटी दिल्ली की खोज के कारण आरटी पीसीआर टेस्ट 600 से 800 रुपये में संभव हो पाया है।

कोरोना के कारण आईआईटी दिल्ली को मार्च में अपना संस्थान बंद करना पड़ा था। हालांकि इस दौरान संस्थान की ओर से कहा गया कि जो लोग कोरोना से संबंधित क्षेत्रों में काम करना चाहते हैं, वह अपना कार्य जारी रखा सकते हैं।

आईआईटी दिल्ली में कोरोना काल के दौरान उपचार, डायग्नोस्टिक और कोरोना रोकथाम के क्षेत्र से जुड़े शोध कार्य किए गए। इन कार्यो के लिए आईआईटी की प्रयोगशालाएं भी खुली रही। इस दौरान इन क्षेत्रों में काम करने के लिए आईआईटी को आवश्यक फंड भी मिले।

आईआईटी दिल्ली के निदेशक के मुताबिक आईआईटी दिल्ली का हमारा टेक्सटाइल डिपार्टमेंट एक नई तकनीक के साथ आगे आया। यहां जरूरत के समय ‘कवच’ ब्रांड के नाम से मास्क बनाने का काम किया। इसमें हमने बड़ी कामयाबी हासिल की। आईआईटी दिल्ली ने एक स्वदेशी एन 95 मास्क भी बनाया है। मात्र 40 रुपये में यह मास्क पूरे देश में उपलब्ध कराया जा सकता है। अभी तक आईआईटी दिल्ली ने 5 मिलियन (50 लाख) मास्क बनाए हैं, इनमें से 40 प्रतिशत एक्सपोर्ट किए गए हैं।

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