नई दिल्ली,30 मार्च (युआईटीवी)- आयकर विभाग (इनकम टैक्स विभाग )की ओर से यस बैंक को 2,209 करोड़ रुपये का डिमांड नोटिस प्राप्त हुआ है,जो असेसमेंट ईयर 2019-20 के लिए जारी किया गया है। बैंक ने शनिवार को एक नियामकीय फाइलिंग में इस बारे में जानकारी दी और बताया कि आयकर विभाग ने अप्रैल 2023 में इस असेसमेंट ईयर को दोबारा खोला था। 28 मार्च को नेशनल फेसलेस असेसमेंट यूनिट ने इस मामले में पुनर्मूल्यांकन आदेश जारी किया था।
यस बैंक के अनुसार,पुनर्मूल्यांकन प्रक्रिया में कोई नई अस्वीकृति या जोड़-तोड़ नहीं किया गया है। पुनर्मूल्यांकन की कार्यवाही की शुरुआत जिस आधार पर की गई थी, उसे हटा दिया गया। बैंक का कहना है कि ओरिजिनल असेसमेंट ऑर्डर के तहत जो कुल आय निर्धारित की गई थी,वही आय पुनर्मूल्यांकन आदेश में भी बनी रही। इस कारण,बैंक के खिलाफ किसी भी प्रकार की नई टैक्स माँग नहीं उठनी चाहिए थी।
इसके बावजूद, आयकर विभाग ने धारा 156 के तहत बैंक को 2,209.17 करोड़ रुपये की टैक्स माँग का डिमांड नोटिस जारी किया है,जिसमें 243.02 करोड़ रुपये का ब्याज भी शामिल है। यस बैंक का कहना है कि यह माँग “बिना किसी आधार” के लग रही है और इसके लिए कोई उचित कारण या तर्क नहीं है।
यस बैंक ने यह भी स्पष्ट किया कि वह इस पुनर्मूल्यांकन आदेश के खिलाफ अपील और सुधारात्मक कार्यवाही करेगा। बैंक ने भरोसा जताया कि यह आदेश उसके वित्तीय प्रदर्शन,संचालन या अन्य गतिविधियों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालेगा। बैंक का मानना है कि इस टैक्स माँग का समाधान जल्द ही किया जाएगा और यह उसकी समग्र स्थिति को प्रभावित नहीं करेगा।
यस बैंक के लिए यह मामला अहम है,क्योंकि यह बैंक के वित्तीय स्थिति और बाजार में उसकी छवि को प्रभावित कर सकता है। बैंक ने आश्वासन दिया है कि वह इस मुद्दे को कानूनी रूप से हल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा और उसे उम्मीद है कि उचित निर्णय लिया जाएगा।
इस डिमांड नोटिस के जारी होने के बाद,यस बैंक ने निवेशकों को आश्वस्त किया है कि यह मामला उनके वित्तीय संचालन पर किसी तरह का नकारात्मक प्रभाव नहीं डालेगा और बैंक अपनी सामान्य गतिविधियों को जारी रखेगा।