प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (तस्वीर क्रेडिट@arjunrammeghwal)

इंडिया एनर्जी वीक 2025 में पीएम मोदी ने भारत विकास और पर्यावरण दोनों को समृद्ध करने की प्रतिबद्धता जताई

पेरिस,11 फरवरी (युआईटीवी)- ‘इंडिया एनर्जी वीक 2025’ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस की दो दिवसीय यात्रा के दौरान वर्चुअली संबोधित करते हुए 21वीं सदी को भारत की सदी बताया। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की विकास यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बताया कि भारत की ऊर्जा महत्वाकांक्षाएँ पाँच स्तंभों पर आधारित हैं—संसाधनों का कुशल दोहन,नवाचार को बढ़ावा,मजबूत अर्थव्यवस्था और स्थिर राजनीतिक स्थिति,रणनीतिक भौगोलिक स्थिति और वैश्विक स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि साल 2030 तक भारत 500 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता जोड़ने,भारतीय रेलवे को नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन की ओर ले जाने और हर साल 50 लाख मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य रख रहा है। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में भारत की हाल की उपलब्धियाँ महत्वपूर्ण साबित होंगी,जो उसकी क्षमता को प्रदर्शित करती हैं। उन्होंने भारत की आर्थिक प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। साथ ही,भारत की सौर ऊर्जा क्षमता 32 गुना बढ़ी है और गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा क्षमता तीन गुना बढ़ी है।

पीएम मोदी ने भारत की पेरिस समझौते के लक्ष्यों को समय से पहले पूरा करने की उपलब्धि को रेखांकित किया। उन्होंने इथेनॉल सम्मिश्रण की सफलता की चर्चा करते हुए बताया कि भारत में अब 19 प्रतिशत इथेनॉल सम्मिश्रण किया जा रहा है,जिससे विदेशी मुद्रा की बचत,किसानों की आय में वृद्धि और कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है। भारत 2025 से पहले 20 प्रतिशत इथेनॉल सम्मिश्रण का लक्ष्य पूरा कर लेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत हाइड्रोकार्बन संसाधनों की पूरी संभावना तलाशने के लिए सुधार कर रहा है। मोदी ने बताया कि भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रिफाइनिंग हब है और गैस क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने ‘ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी’ के बारे में भी बताया,जिससे अपस्ट्रीम सेक्टर अधिक आकर्षक हुआ है। इसके साथ ही, प्राकृतिक गैस की आपूर्ति बढ़ने के कारण भविष्य में इसका उपयोग और बढ़ेगा।

प्रधानमंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ के तहत भारत में फोटोवोल्टिक (पीवी) मॉड्यूल और अन्य हार्डवेयर के निर्माण की संभावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत की सौर पीवी मॉड्यूल निर्माण क्षमता पिछले दस वर्षों में 2 गीगावॉट से बढ़कर 70 गीगावॉट हो गई है। इसके अलावा,बैटरियों और ऊर्जा भंडारण क्षेत्र में नवाचार की अपार संभावनाएँ हैं और भारत इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

पीएम मोदी ने ‘राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन’ और न्यूक्लियर ऊर्जा क्षेत्र में निजी निवेश को प्रोत्साहित करने की बात भी की। उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में हर निवेश नए रोजगार के अवसर पैदा कर रहा है और ग्रीन जॉब्स को बढ़ावा दे रहा है। प्रधानमंत्री ने ‘पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना’ का उल्लेख करते हुए कहा कि यह योजना सौर ऊर्जा क्षेत्र में नए कौशल विकसित करने और निवेश की संभावनाओं को बढ़ाने में मदद करेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत ऊर्जा समाधानों के क्षेत्र में विश्व को प्रेरित करेगा,जो विकास और पर्यावरण दोनों को समृद्ध करेंगे। ‘इंडिया एनर्जी वीक’ इस दिशा में महत्वपूर्ण पहल करेगा,जिससे दुनिया भर के निवेशक भारत के उभरते ऊर्जा क्षेत्र के अवसरों का लाभ उठाएँगे।