नई दिल्ली, 3 दिसंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)- अमेरिका में जो बिडेन प्रशासन के पद्भार संभालने के बाद, भारत एक बार फिर से ईरान और वेनेजुएला से तेल की आपूर्ति शुरू करने के लिए मामला आगे बढ़ा सकता है। तेल मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि तेल के एक बड़े आयातक के रूप में, भारत कच्चे तेल के लिए एक विविध बाजार बनाना चाहता है और इसमें, अगर ईरान और वेनेजुएला जैसे पारंपरिक बाजार फिर से शामिल हो जाते हैं तो यह हमारे लिए अच्छा होगा।
हालांकि, सूत्रों ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन में बदलाव के साथ संबंधों में कोई बदलाव नहीं होगा। इस बाबत सीमित बातचीत शुरू की जा सकती है कि क्या तेल बाजार के विस्तार के लिए बड़े खरीदारों का रूख किया जा सकता है, जिससे कीमतों में कमी आएगी।
ईरान के परमाणु कार्यक्रम के चलते पश्चिमी देशों ने इसपर प्रतिबंध लगा दिया था। इससे पहले ईरान भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता था।
भारत ने मई 2019 से अमेरिकी प्रतिबंधों के फिर से लागू होने से ईरान से कच्चे तेल की आपूर्ति पूरी तरह से रोक दी।
दूसरी ओर, वेनेजुएला, जनवरी 2019 में अमेरिकी प्रतिबंधों से पहले भारत का चौथा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता था।
भारत अपनी तेल जरूरतों का 85 प्रतिशत आयात करता है और तेल पर उसकी निर्भरता कम से कम अगले कुछ दशकों तक स्थिर रहने की उम्मीद है। यहां ऊर्जा की खपत 2040 तक सालाना 3 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है, जो कि किसी भी अन्य देश के ऊर्जा की तुलना में अधिक है।