नई दिल्ली, 6 मार्च (युआईटीवी/आईएएनएस)- भारत का नागरिक उड्डयन क्षेत्र, जिसके संचालन पर कोविड-19 महामारी की वजह से काफी विपरीत प्रभावित पड़ा है, उसने वर्ष 2020 के दौरान अपने बेड़े में 20 से अधिक विमान जोड़े हैं।
महामारी के बीच यह एक पुनरुद्धार का संकेत माना जा सकता है और साथ ही इससे एयरलाइंस इंडस्ट्री की लॉन्ग-टर्म ग्रोथ पोटेंशियल भी झलकती है।
देश की घरेलू एयरलाइनों ने पिछले साल 21 विमानों के साथ अपने बेड़े में वृद्धि की, जिसके बाद नागरिक उड्डयन क्षेत्र के पास विमानों की कुल संख्या 700 का आंकड़ा पार कर गई है।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के महानिदेशक अरुण कुमार ने आईएएनएस के साथ बातचीत करते हुए कहा, महामारी के बावजूद, घरेलू एयरलाइंस ने अपने बेड़े में नए विमान शामिल किए हैं। पिछले वर्ष के अंत तक देश के कुल वाणिज्यिक विमान बेड़े की संख्या 716 तक पहुंच गई है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत में 2020 की शुरूआत में 695 विमान थे। इससे पिछले साल, 73 विमानों को जोड़ा गया था, जबकि 52 विमानों को एयरलाइनों द्वारा पट्टा देने वालों को वापस भेज दिया गया था।
हाल ही में केंद्र ने भारत में विमान पट्टे पर देने के व्यवसाय को अधिसूचित किया है।
हालांकि क्षमता में बेशक वृद्धि हुई हो, मगर वर्तमान में घरेलू एयरलाइंस प्रति-कोविड उड़ान क्षमता का 80 प्रतिशत तक ही तैनात कर सकती हैं। एक बार प्रति-कोविड हवाई यात्री यातायात स्तर प्राप्त करने के बाद इस प्रतिबंध को रद्द किया जाना तय है।
घरेलू यातायात के मोर्चे पर, कुमार ने कहा, हम हवाई यात्रा में वृद्धि पैटर्न देख रहे हैं, लेकिन ये रुझान एकरूप नहीं हैं। ऐसा लगता है कि लगातार वृद्धि की प्रवृत्ति के लिए कुछ और समय की आवश्यकता है। फिर भी, हम एक क्रमिक विकास देख रहे हैं।