नागपुर,4 फरवरी (युआईटीवी)- भारत के उप-कप्तान शुभमन गिल ने हाल ही में संपन्न बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के प्रदर्शन का बचाव करते हुए यह स्पष्ट किया कि एक खराब सीरीज किसी भी टीम की विरासत को परिभाषित नहीं करती। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत को 1-3 से हार का सामना करना पड़ा,जिससे टेस्ट क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनके दशकों पुराने प्रभुत्व का अंत हो गया। हालाँकि,गिल ने इस हार को टीम की कुल उपलब्धियों से नहीं जोड़ा और जोर दिया कि एक सीरीज के परिणाम से पूरी टीम की क्षमता और उसके अतीत को आंकना गलत है।
गुरुवार को नागपुर में इंग्लैंड के खिलाफ भारत के पहले वनडे से पहले, गिल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि टीम ने भले ही इस सीरीज में हार का सामना किया हो, लेकिन उस हार के बावजूद उन्होंने गुणवत्तापूर्ण क्रिकेट खेला। गिल के अनुसार,भारत को अपनी पिछली उपलब्धियों के लिए श्रेय मिलना चाहिए,न कि सिर्फ एक सीरीज पर ध्यान केंद्रित किया जाए। उन्होंने कहा, “एक सीरीज पूरी टीम के फॉर्म को निर्धारित नहीं करती है। हमारे पास कई ऐसे खिलाड़ी हैं,जिन्होंने अतीत में विभिन्न सीरीज और टूर्नामेंटों में शानदार प्रदर्शन किया है।”
गिल ने यह भी बताया कि भारत को बदकिस्मती का सामना करना पड़ा,विशेष रूप से ब्रिसबेन में चौथे टेस्ट के आखिरी दिन,जब स्टार पेसर जसप्रीत बुमराह उपलब्ध नहीं थे। उनका मानना था कि यदि बुमराह उस मैच में होते,तो परिणाम अलग हो सकता था। गिल ने कहा, “हम बदकिस्मत थे कि बुमराह आखिरी दिन मौजूद नहीं थे। अगर वह होते,तो हम मैच जीत सकते थे और श्रृंखला ड्रा भी कर सकते थे और शायद इस पर चर्चा भी नहीं हो रही होती।” इस टिप्पणी के जरिए गिल ने यह स्पष्ट किया कि टीम को जीतने का पूरा विश्वास था और बुमराह की अनुपस्थिति को एक बड़ा कारण माना गया।
गिल ने आलोचकों से यह आग्रह किया कि वे भारत की व्यापक उपलब्धियों को भी ध्यान में रखें, जैसे कि ऑस्ट्रेलिया में बैक-टू-बैक टेस्ट सीरीज (2018-19 और 2020-21) जीतना,2023 वनडे विश्व कप फाइनल में पहुँचना और विश्व क्रिकेट में भारत की स्थिति। गिल ने कहा, “एक मैच और एक दिन हमें परिभाषित नहीं करते हैं। हम पहले भी ऑस्ट्रेलिया में दो बार जीत चुके हैं,एक विश्व कप जीत चुके हैं और एक और फाइनल में पहुँच चुके हैं। इन बातों को ध्यान में रखना चाहिए।”
गिल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज तथा न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू वनडे सीरीज में 3-0 से मिली हार को निराशाजनक माना,लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय टीम अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में एक मजबूत ताकत बनी हुई है। उनका यह मानना था कि टीम की पिछली सफलताओं और खेल की गुणवत्ता को एक खराब सीरीज से नहीं नापा जा सकता।
इसके अलावा,गिल ने भारतीय टीम में शीर्ष क्रम के स्थानों के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के बारे में भी बात की। उन्होंने खास तौर पर अभिषेक शर्मा और यशस्वी जायसवाल का उल्लेख किया,जो भारतीय टीम में प्रमुख सलामी बल्लेबाज के रूप में उभर रहे हैं। गिल की पसंदीदा सलामी बल्लेबाज की स्थिति अब जाँच के दायरे में है,लेकिन उन्होंने दुश्मनी की किसी भी धारणा को खारिज किया। गिल ने कहा कि वह दोनों खिलाड़ियों के साथ एक मजबूत और मित्रवत संबंध साझा करते हैं और उनका मानना है कि उनकी सफलता भारतीय क्रिकेट के लिए सकारात्मक संकेत है।
गिल ने कहा, “अभिषेक मेरा बचपन का दोस्त है और जायसवाल भी एक अच्छा दोस्त है। मुझे नहीं लगता कि हमारे बीच कोई जहरीली प्रतिस्पर्धा है। आप जब देश के लिए खेल रहे होते हैं,तो आप हर मैच में अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं,लेकिन आप कभी भी नहीं सोचते, ‘मुझे उम्मीद है कि यह खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन नहीं करेगा’ या ‘काश वह विफल हो जाता।’ जब कोई साथी अच्छा प्रदर्शन करता है,तो आपको अच्छा लगता है और आप उन्हें बधाई देते हैं।” गिल का यह बयान भारतीय क्रिकेट में सकारात्मक माहौल और टीम वर्क की भावना को दर्शाता है,जिसमें हर खिलाड़ी का समर्थन किया जाता है।
इंग्लैंड के खिलाफ आगामी तीन मैचों की वनडे सीरीज में भारत के प्रमुख खिलाड़ी – रोहित शर्मा,विराट कोहली,केएल राहुल, ऋषभ पंत और शुभमन गिल वापसी कर रहे हैं। यह सीरीज भारत के आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए दुबई जाने से पहले टीम के संयोजन को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। गिल ने इस सीरीज को टीम के संयोजन को और मजबूत करने के लिहाज से महत्वपूर्ण माना है,क्योंकि चैंपियंस ट्रॉफी जैसे महत्वपूर्ण टूर्नामेंट से पहले टीम को अपनी पूरी क्षमता से तैयार करना जरूरी है।
भारत के लिए चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब फिर से हासिल करना एक बड़ा लक्ष्य है, जिसे उन्होंने आखिरी बार 2013 में जीता था। गिल और टीम का पूरा ध्यान अब सीमित ओवरों के प्रारूप पर है,जहाँ भारत अपनी तैयारी को बेहतर करने के लिए इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में अपनी खेल शैली पर काम करेगा।
गिल का यह बयान भारतीय क्रिकेट में आने वाली चुनौतियों और टीम के भीतर सकारात्मक प्रतिस्पर्धा को दर्शाता है,जो भारतीय टीम को आगामी टूर्नामेंटों में मजबूती से तैयार करेगा।