नई दिल्ली, 18 सितम्बर (युआईटीवी/आईएएनएस)- दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के अंतर-सीमा गिरोह जांच दस्ते (आईजीआईएस) ने अवैध ड्रग्स के एक अंतर्राज्यीय रैकेट का भंडाफोड़ किया है और दो ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया है, पुलिस ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, हरियाणा के रहने वाले राकेश और जोगिंदर के रूप में पहचाने गए दो ड्रग डीलरों को एक स्कॉर्पियो कार में 358 किलोग्राम अच्छी गुणवत्ता वाले मारिजुआना की खेप के साथ गिरफ्तार किया गया था, जिसे आंध्र प्रदेश के नक्सली इलाकों से थोक मूल्य पर दिल्ली और एनसीआर के विभिन्न इलाकों में आपूर्ति की जा रही थी।
पुलिस ने कहा, “जब्त किए गए माल की अनुमानित कीमत दिल्ली में करीब 8-10 लाख रुपए है।”
यह गैंग आंध्र प्रदेश से दिल्ली तक की यात्रा के लिए कंट्राबेंड के परिवहन की हाई-स्पीड वाहनों का उपयोग करते हैं और गैंग द्वारा पायलट कार के रूप में उपयोग किए जाने वाले एक वाहन का भी उपयोग किया जाता है। पुलिस ने कहा कि उन्होंने इस गैंग के आधा दर्जन से अधिक सदस्यों की पहचान कर ली है।
एक पुलिस अधिकारी ने ब्योरा देते हुए कहा कि उन्होंने धुलसीरस चौक, सेक्टर-24, द्वारका के पास इन्हें पकड़ने के लिए जाल बिछाया था।
शुक्रवार तड़के करीब 3.55 बजे क्राइम ब्रांच की टीम ने नशा तस्करों की स्कॉर्पियो कार की पहचान कर उसे धर दबोचा। राकेश और जोगिंदर को प्रतिबंधित सामग्री के साथ मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि रोहतक निवासी विजय उनके गैंग का सरगना है। सुनियोजित तरीके से चलाए जा रहे इस गिरोह में आधा दर्जन से ज्यादा सदस्य हैं। प्रत्येक सदस्य को एक विशिष्ट कार्य सौंपा गया है।
यह गिरोह फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियो जैसी गाड़ियों का इस्तेमाल काकीनाडा, आंध्र प्रदेश से दिल्ली/एनसीआर तक करने के लिए करते हैं। उन्होंने 2200 किमी से अधिक की दूरी तय की है और दिल्ली और हरियाणा में अपने स्थान तक पहुंचने के लिए 7 राज्यों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को धोखा दिया। यह गिरोह स्कॉर्पियो कार को चलाने के लिए आई-20 कार का इस्तेमाल कर रहा था। पुलिस ने जब स्कॉर्पियो को रोका तो आई-20 भागने में सफल रही।
पुलिस ने कहा कि गिरोह के अन्य सदस्यों का पता लगाने के लिए छापेमारी की जा रही है, जिसमें आई-20 कार, आंध्र प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा में प्रतिबंधित पदार्थ के स्रोत और गंतव्य के साथ-साथ गिरोह के सदस्य भी शामिल हैं।
मामले में आगे की जांच जारी है और एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।