तेहरान,28 अप्रैल (युआईटीवी)- ईरान के दक्षिणी होर्मोज्गान प्रांत के एक प्रमुख बंदरगाह पर हुए भीषण विस्फोट ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। अब तक इस दर्दनाक घटना में मृतकों की संख्या बढ़कर 28 हो चुकी है,जबकि 800 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। इसके साथ ही छह लोग अभी भी लापता हैं,जिनकी तलाश जारी है।
विस्फोट के कारणों को लेकर अब तक स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाई है। ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी ‘इरना’ के मुताबिक,घटना के सटीक कारण का पता लगाने के लिए जाँच जारी है। हालाँकि,शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार,बंदरगाह पर रखे गए कंटेनरों में रासायनिक पदार्थों के कारण विस्फोट होने की संभावना जताई जा रही है।
होर्मोजगन प्रांत के गवर्नर मोहम्मद अशौरी तजियानी के हवाले से अर्ध-सरकारी ‘तस्नीम’ समाचार एजेंसी ने बताया कि घटनास्थल पर लगे क्लोज-सर्किट कैमरों से मिली फुटेज में स्थानीय समयानुसार दोपहर 12:05 बजे बंदरगाह के एक क्षेत्र में कई कंटेनरों के पास आग लगती हुई दिखाई दी। यह आग तेजी से फैल गई और लगभग 90 सेकंड के भीतर एक बड़ा विस्फोट हुआ,जिससे भयानक तबाही मच गई।
गवर्नर तजियानी ने इस दुखद घटना के बाद प्रांत में तीन दिनों के सार्वजनिक शोक की घोषणा की है। स्थानीय प्रशासन और बचाव एजेंसियाँ मौके पर राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और गंभीर रूप से घायलों के लिए विशेष चिकित्सा प्रबंध किए जा रहे हैं।
अर्ध-सरकारी ‘फार्स’ समाचार एजेंसी को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संगठन के प्रवक्ता होसैन जफरी ने बताया कि विस्फोट का संभावित कारण बंदरगाह पर एक कंटेनर में मौजूद रासायनिक पदार्थ हो सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक जाँच पूरी नहीं हो जाती,तब तक किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचना जल्दबाजी होगी।
ईरान सरकार की प्रवक्ता फतेमेह मोहजेरानी ने भी संबंधित अधिकारियों द्वारा अपनी जाँच पूरी करने से पहले किसी भी तरह की अटकलबाजी से बचने की सलाह दी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब तक केवल इतना ही पुष्टि हो पाया है कि विस्फोट बंदरगाह के एक कोने में मौजूद कंटेनरों में हुआ था, जहाँ रासायनिक सामग्री होने की आशंका है।
घटना के तुरंत बाद कुछ विदेशी मीडिया रिपोर्टों ने दावा किया कि विस्फोट स्थल पर सैन्य शिपमेंट मौजूद था,लेकिन ईरान के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता रेजा तलाई-निक ने इन अफवाहों का सख्ती से खंडन किया। उन्होंने कहा कि उपलब्ध साक्ष्यों और जाँच के आधार पर यह पुष्टि की गई है कि विस्फोट वाले क्षेत्र में न तो कोई सैन्य उपकरण था और न ही कोई ईंधन से संबंधित सामग्री।
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने स्थिति का आकलन करने और राहत कार्यों का निरीक्षण करने के लिए गृहमंत्री एस्कंदर मोमेनी को तुरंत घटनास्थल पर भेजा है। राष्ट्रपति कार्यालय ने बयान जारी कर कहा कि घायलों के इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी और पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी।
सरकारी एजेंसियाँ बंदरगाह क्षेत्र की घेराबंदी कर चुकी हैं और विशेषज्ञ टीमें विस्फोट के कारणों की गहन जाँच कर रही हैं। साथ ही,पर्यावरणीय प्रभावों का भी मूल्यांकन किया जा रहा है,क्योंकि रासायनिक विस्फोट से हवा और पानी में विषाक्तता फैलने का खतरा बना हुआ है।
यह भीषण हादसा न केवल ईरान के लिए बल्कि पूरी अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा के लिहाज से एक गंभीर चेतावनी है। बंदरगाहों पर रसायनों और खतरनाक सामग्रियों के भंडारण और प्रबंधन को लेकर अब और भी कड़े नियमों और निगरानी की आवश्यकता महसूस की जा रही है।