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कानपुर में रेल हादसा टला,ट्रैक पर माचिस, पेट्रोल से भरी बोतल और सिलेंडर मिला,कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने या उड़ाने की साजिश

कानपुर, 09 सितंबर (युआईटीवी)- उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक बड़ा रेल हादसा टल गया है और कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने या उड़ाने की बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ है। अनवरगंज-कासगंज रेलवे ट्रैक पर एलपीजी सिलेंडर रखा गया था। लोको पायलट की सूझबूझ के कारण यह अनहोनी टल गई।

गैस सिलेंडर को मुंढेरी क्रॉसिंग के पास रेलवे ट्रैक के बीचो बीच रखा गया था और यह सामने से आ रही कालिंदी एक्सप्रेस से टकरा गया। गैस सिलेंडर इस टक्कर के बाद उछलकर दूर जाकर गिरा। एक बड़ा हादसा सिलेंडर के नहीं फटने के वजह से टल गया। जब से इस घटना की खबर सामने आई है,हड़कंप मच गया है कि कहीं ये ट्रेन को पलटाने या उड़ाने की साजिश तो नहीं थी?

खबर के अनुसार,कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन कानपुर सेंट्रल से महज 30 किलोमीटर दूर शिवराजपुर क्षेत्र के रेलवे ट्रैक पर प्रयागराज से भिवानी की ओर जा रही थी,इसी बीच ट्रेक पर लोको पायलट को रात 8.30 बजे एक एलपीजी सिलेंडर दिखाई दिया। लोको पायलट ने खतरे को भांप लिया और तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए,जिससे ट्रेन सिलेंडर से टकरा गई।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक,जाँच के दौरान दुर्घटनास्थल से एलपीजी सिलेंडर के पास से पेट्रोल की बोतल और माचिस भी मिला है। बताया जा रहा है कि ट्रैक पर रखे एलपीजी सिलेंडर से कालिंदी एक्सप्रेस का इंजन टकरा गया। रेल इंजन से टकराने के बाद सिलेंडर दूर जा कर गिरा और यह फटने से बच गया। रेलवे अधिकारी सूचना मिलते ही दुर्घटनास्थल पर पहुँच गए।

पूरे मामले की जाँच में आरपीएफ और जीआरपी की टीम जुट गई है और इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। जाँच में लगी टीम साक्ष्य जुटा रही है। रविवार,8 सितंबर के शाम से रात 8:30 बजे तक मौके पर जो भी फोन नंबर सक्रिय थे,उसे ट्रेस किया जा रहा है।

बता दें कि,पिछले महीने 17 अगस्त को साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के 22 डिब्बे उत्तर प्रदेश के कानपुर में पटरी से उतर गए थे। रेलवे बोर्ड ने इसकी पुष्टि की थी।

यह हादसा कानपुर रेलवे स्टेशन के पास 17 अगस्त की देर रात 2:30 बजे हुआ था। साबरमती एक्सप्रेस (19168) के डिब्बे वाराणसी से अहमदाबाद जाने के क्रम में गोविंदपुरी के पास पटरी से उतर गई थी। इस हादसे में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं थी।

रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया था कि,लोको पायलट के मुताबिक, यह हादसा एक पत्थर के इंजन के कैटल गार्ड (अगले हिस्से) पर गिर जाने के कारण हुआ था।

पुलिस अग्निशमन अधिकारी दीपक शर्मा ने बताया था कि जैसे ही ट्रेन के पटरी से उतरने की सूचना मिली थी,मौके पर पाँच दमकल गाड़ियों को भेजा गया था। यह हादसा साबरमती एक्सप्रेस (19168) के वाराणसी से साबरमती जाने की क्रम में हुआ था। इस ट्रेन के कुछ डिब्बे कानपुर में पटरी से उतर गए थे।