कपिल सिब्बल ने कहा-कांग्रेस छोड़ दी, निर्दलीय के रूप में राज्यसभा के लिए भरा नामांकन

लखनऊ, 25 मई (युआईटीवी/आईएएनएस)- कांग्रेस के जी23 समूह के सबसे मुखर नेता रहे कपिल सिब्बल ने कहा है कि उन्होंने 16 मई को ही कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। सिब्बल ने बुधवार को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में राज्यसभा के लिए नामांकन भरा। सिब्बल ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव की मौजूदगी में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन पत्र भरा, जिससे इस बात की पुष्टि होती है कि उन्हें सपा का समर्थन प्राप्त है।

सिब्बल और अखिलेश यादव दोनों ने इस बात के संकेत दिये हैं कि पूर्व कांग्रेस नेता ने आधिकारिक रूप से सपा का दामन नहीं थामा है।

सिब्बल ने कहा,” मैंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन भरा है। मैं हमेशा से देश का मुक्त स्वर बनना चाहता था। मैंने 16 मई को ही कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।”

एक वरिष्ठ वकील के रूप में सिब्बल के यादव परिवार से घनिष्ठ संबंध रहे हैं। सिब्बल ने ही जनवरी 2017 में अखिलेश यादव के समर्थन में चुनाव आयोग में उनका पक्ष रखा था। यादव परिवार में चल रही तकरार के दौरान साइकिल के चुनाव चिह्न् को लेकर तकरार चल रही थी और सिब्बल के सहयोग से ही अखिलेश को ‘साइकिल’ मिल पाई थी।

सपा के अलावा राष्ट्रीय जनता दल और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी राज्यसभा के उम्मीदवार के रूप में सिब्बल का समर्थन करने में दिलचस्पी दिखाई थी लेकिन सिब्बल ने सपा का चयन किया। सपा आजम खान को मनाने के लिए सिब्बल का इस्तेमाल करने की ताक में है। जेल से जमानत पर बाहर निकले आजम खान की पैरवी सिब्बल ही कर रहे हैं।

साल 2016 में सिब्बल जब कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में राज्यसभा सदस्य के रूप में चुने गये थे,उस वक्त भी सपा ने उनका समर्थन किया था। इस बार लेकिन पासा पलट गया है और उत्तर प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के बस दो विधायक हैं और इसी वजह से वह किसी को प्रत्याशी के रूप में खड़ा करने की स्थिति में नहंी है।

उत्तर प्रदेश में 11 सीटों पर चुनाव होना है, जिनमें से सात पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा हो सकता है और सपा के पास तीन सीटें होंगी। सपा के पास तब भी 20 अधिक वोट होंगे।

हालांकि, अगर 11वीं सीट पर समस्या खड़ी हो सकती है। भाजपा ने अगर आठवां उम्मीदवार भी खड़ा कर दिया तो चुनाव आवश्यक हो जाएगा। इस स्थिति में सपा के सरप्लस यानी अधिक वोट ही काम आयेंगे। भाजपा के पास इस बात की हल्की राहत रहेगी कि उसे 10 से भी कम वोट चाहिए लेकिन विपक्ष के पास 15 वोट कम पड़ जायेंगे।

सिब्बल सुप्रीम कोर्ट और देश के विभिन्न हाईकोर्ट में सपा और झामुमो के नेताओं की पैरवी कर रहे हैं इसी वजह से उन्हें इन पार्टियों का समर्थन मिलना तय है।

कांग्रेस राजस्थान, कर्नाटक, हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में आठ राज्य सभा सदस्यों का चयन कर सकती है और तमिलनाडु तथा झारखंड में वह सहयोगी दलों की मदद से दो और प्रत्याशियों को चुन सकती है।

कांग्रेस की ओर से आनंद शर्मा, गुलाम नबी आजाद और पी चिदंबरम का चयन तय माना जा रहा है। हालांकि आनंद शर्मा के लिए कुमारी शैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला सिरदर्द बन सकते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि हरियाणा से कुमारी शैलजा और सुरजेवाला के नाम की भी चर्चा हो रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *