बेंगलुरू, 8 अक्टूबर (युआईटीवी/आईएएनएस)- कर्नाटक में सभी तीन प्रमुख राजनीतिक दलों- भाजपा, कांग्रेस और जद (एस) ने 30 अक्टूबर को दो विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। सभी पार्टियां अपनी कमर कस चुकी हैं और इसे 2023 के विधानसभा चुनावों के लिए सेमीफाइनल माना जा रहा है। हनागल और सिंधगी विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के लिए खुद को ऐसे नेता के रूप में साबित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं जो पार्टी की जीत सुनिश्चित कर सकते हैं। वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने इसे अपनी पार्टी के सहयोगी और विपक्षी नेता सिद्धारमैया के खिलाफ अपनी योग्यता साबित करने के लिए प्रतिष्ठा की बात के रूप में लिया है।
सिद्धारमैया पहले ही आरएसएस और सत्तारूढ़ भाजपा पर हमले शुरू कर अपना इरादा स्पष्ट कर चुके हैं। उन्होंने पार्टी आलाकमान का ध्यान आकर्षित किया है, और रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। वह इस महीने प्रियंका गांधी वाड्रा से मिलने के लिए नई दिल्ली की एक और यात्रा के लिए तैयार हैं। इन घटनाक्रमों की पृष्ठभूमि में, शिवकुमार पार्टी नेताओं को एक संदेश देना चाहते हैं कि वह उनके लिए चुनाव जीत सकते हैं।
हालांकि, जद (एस) ने दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर कांग्रेस का उत्साह कम कर दिया है। ऐसा कहा जाता है कि यह मुस्लिम वोटों को विभाजित करेगा और भाजपा की जीत सुनिश्चित करेगा।
सिद्धारमैया ने खुले तौर पर कहा है कि जद (एस) ने भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने आरएसएस पर हमला किया और यह साबित करने की कोशिश की कि जद (एस) भाजपा की मदद नहीं कर रहा है।