बेंगलुरू, 13 अप्रैल (युआईटीवी/आईएएनएस)| कर्नाटक में ठेकेदार और भाजपा नेता संतोष के पाटिल की आत्महत्या के मामले में ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा पर अपने पद से इस्तीफा देने का दबाव बढ़ रहा है। ईश्वरप्पा के करीबी सूत्रों ने बताया कि आलाकमान द्वारा पार्टी को शर्मसार होने से बचाने के लिए मंत्री ने इस्तीफा देने का फैसला किया है।
ईश्वरप्पा ने बुधवार को कहा कि अगर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने इसके लिए कहा तो वह इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कहा, “अगर निर्देश दिया गया तो मैं आज ही अपना इस्तीफा सौंप दूंगा। मैंने कुछ गलत नहीं किया है और सच्चाई सामने आ गई है। मैंने सीएम बोम्मई और गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र से जांच करने का अनुरोध किया है। यह एक ब्लैकमेलिंग रणनीति है।”
मैसूर के दौरे पर गए ईश्वरप्पा काफी परेशान नजर आ रहे थे और काफी देर तक फोन पर बात करते दिखे। वह मैसूर से शिवमोग्गा के लिए निकले थे और उनके करीबी सूत्रों ने कहा कि वह दोपहर तक वहां प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और अपने फैसले की घोषणा करेंगे।
प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने संवाददाताओं से कहा कि मामले की जांच के आदेश दिए जाएंगे।
भाजपा के सूत्रों ने कहा कि पार्टी आलाकमान इस मुद्दे पर विपक्षी कांग्रेस द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधे सवाल करने से चिंतित है।
सूत्रों ने कहा कि पाटिल ने इससे पहले पीएम मोदी को पत्र लिखकर भ्रष्टाचार के आरोपों और मंत्री ईश्वरप्पा पर 40 फीसदी कमीशन की मांग का आरोप लगाया था। कांग्रेस ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने का फैसला किया है और भाजपा इस्तीफा लेने और मामले की जांच के आदेश देकर शमिर्ंदगी से बचने के बारे में सोच रही है।