तिरुवनंतपुरम, 22 अप्रैल (युआईटीवी/आईएएनएस)- केरल के कोझीकोड जिले के कसबा पुलिस अधिकारियों ने आज सुबह राज्य की राजधानी से सोलर घोटाले की आरोपी सरिथा नायर को अदालत में पेश ना होने कि वजह से गिरफ्तार किया। उनके खिलाफ पहले ही वारंट जारी हो चुका था। कोझिकोड के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट 3 ने धोखाधड़ी के मामले में उनके खिलाफ वारंट जारी किया था, सरिथा नायर ने एक व्यक्ति से पैसे लिए थे लेकिन उसे सोलर पैनल देने में विफल रही थी।
इस अदालत ने पहले उन्हें 25 फरवरी को पेश होने के लिए कहा था, लेकिन वह ऐसा करने में विफल रही थी। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है और कोझिकोड ले जा रही है जिसके बाद अदालत में पेश करेगी ।
संयोग से सरिथा को 2011-16 की ओमन चांडी सरकार को गिराने के लिए श्रेय दिया जा सकता है। इस घोटाले में उनके और चांडी कार्यालय के कुछ कार्यालय सदस्य शामिल थे, जिसे वाम दलों ने 2016 में अपने चुनाव अभियान में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया था।
जिस मामले में सरिथा को गिरफ्तार किया गया है वह चांडी सरकार के कार्यकाल के दौरान दर्ज किया गया था और रिपोटरें के अनुसार उसके खिलाफ लगभग आधा दर्जन धोखाधड़ी के मामले 2012 से केरल के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में शुरु हुए हैं।
वर्तमान में पिनाराई विजयन सरकार के अंतिम दिनों में वह एक कथित फर्जी नियुक्ति रैकेट मामले में वर्तमान प्रशासन के लिए दिल खोलकर काम कर रही है, जिसमें एक व्यक्ति को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
वहीं राज्य के आबकारी मंत्री टी.पी. रामकृष्णन ने बुधवार को सौर अभियुक्त सरिता नायर के साथ किसी भी तरह के व्यवहार से इनकार कर दिया।
फर्जी नियुक्ति मामले में, “जहां राज्य सरकार द्वारा संचालित केरल राज्य बेवरेजेज कॉरपोरेशन (बेवको) में नौकरी का वादा करने वाले विभिन्न लोगों से पैसे वसूले गए थे” पुलिस पहले ही सरिता नायर के एक साथी को गिरफ्तार कर चुकी है।
बुधवार को, एक ऑडियो क्लिप में माना गया कि सरिता नायर सामने आईं, जिसमें उन्हें रामकृष्णन, बेवको के तत्कालीन एमडी स्पार्जन कुमार और एक शीर्ष आईपीएस अधिकारी की भूमिका के बारे में बात करते सुना गया है।
फर्जी नियुक्ति मामले के साथ कुछ भी करने से इनकार करते हुए, रामकृष्णन ने कहा, “कभी भी मेरा ऐसे लोगों से कोई लेना-देना नहीं है। अगर हुई नियुक्तियों में ऐसा हुआ है तो किसी भी बेईमानी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”