कोलकाता : महात्मा गांधी जैसी दिखने वाली महिषासुर की मूर्ति पर बवाल

कोलकाता, 3 अक्टूबर (युआईटीवी/आईएएनएस)- कोलकाता के दक्षिणी बाहरी इलाके में अखिल भारतीय हिंदू महासभा द्वारा आयोजित दुर्गा पूजा पंडाल में महिषासुर के मुख मूर्ति की जगह महात्मा गांधी जैसी दिखने वाली मूर्ति लगाने पर बवाल मच गया। रविवार शाम को कुछ लोगों ने मूर्ति को देखा तो इसकी शिकायत राज्य प्रशासन से की। इस पर राजनीतिक दलों के साथ-साथ सिविल सोसाइटी के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि पूजा आयोजक महात्मा गांधी को असुर के रूप में दिखाना बंद करें।

पुलिस ने आयोजकों से संपर्क किया और उनसे कुछ बदलाव करने को कहा, ताकि गांधीवादी अनुयायियों की भावनाएं आहत न हों। शुरू में, आयोजक किसी भी तरह का बदलाव करने के लिए राजी नहीं हुए लेकिन बढ़ते दबाव के बाद, आयोजकों ने आखिरकार महिषासुर की मूर्ति को बदला। उसे राक्षस का रूप देने के लिए एक विग लगाया गया।

पूजा के आयोजक अपने रुख पर अड़े हुए हैं। उनका दावा है कि उन्होंने महात्मा गांधी की तरह दिखने वाली महिषासुर की मूर्ति रखकर कुछ भी गलत नहीं किया।

प्रमुख पूजा आयोजकों में से एक सुंदरगिरि महाराज, जो खुद को अखिल भारतीय हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष बताते है, उन्होंने कहा कि उन्होंने कोई गलती नहीं की, क्योंकि सार्वजनिक रूप से सच बोलने का समय आ गया है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि अब सच बोलना हर हिंदू का कर्तव्य है।

एक अन्य पूजा आयोजक चंद्रचूर गोस्वामी ने कहा, हमें धमकी भरे फोन आए। पुलिस प्रशासन ने हमें पूजा बंद करने की धमकी दी, जब तक हमने महिषासुर की मूर्ति के रूप में कुछ बदलाव नहीं किया। अंत में, हमें और तनाव से बचने के लिए कुछ बदलाव लाने पड़े।

इस बीच, राज्य में कांग्रेस और माकपा नेतृत्व ने मामले में इतनी देर से कार्रवाई करने के लिए राज्य प्रशासन की खिंचाई की। माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य और पश्चिम बंगाल में पार्टी के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा कि महात्मा गांधी, जिनका भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान अहम था, एक हिंदुत्व कट्टरपंथी द्वारा मारे गए थे।

सलीम ने कहा, अब, हर दिन गांधीवादी विचारधारा का वध करने का प्रयास किया जा रहा है। यह एक बड़ी संख्या में लोगों की भावनाओं को आहत करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है।

पश्चिम बंगाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के दिग्गज सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि महात्मा गांधी का अपमान उसी कोलकाता शहर में किया गया, जहां उन्होंने सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए स्वतंत्रता आंदोलन के समय अनशन किया था। उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य प्रशासन ने इतनी देर से कार्रवाई की।

रिपोर्ट दर्ज होने तक पूजा आयोजकों के खिलाफ किसी भी प्रशासनिक कार्रवाई की कोई रिपोर्ट नहीं थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *