बेंगलरू, 15 मई (युआईटीवी/आईएएनएस)- भारत के घरेलू सोशल मीडिया ऐप-कू ने गुरूवार को अपने नए लोगो का अनावरण किया। नए लोगो में भी एक पीली चिड़िया ही है मगर एक नए रूप में। इस नई पहचान का अनावरण आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर ने अपने 65वें जन्मदिन के शुभ अवसर पर किया। कू कई भारतीय भाषाओं में लोगों को स्वतंत्र अभिव्यक्ति में सक्षम बनाता है। भारत का 90 फीसदी जन समूह जो एक क्षेत्रीय भारतीय भाषा में स्वयं को अभिव्यक्त करना पसंद करता है, वह खुद को कू पर सहजता से व्यक्त कर सकता है। इस ऐप को मार्च 2020 में लॉन्च किया गया था और तब से अब तक यह अपने ऐप प्लेटफॉर्म पर 60 लाख से अधिक उपयोगकर्ता आकर्षित कर चुका है।
श्री श्री रवि शंकर ने कहा, “सामाजिक संपर्क और सूचना का प्रवाह सभ्य समाज के संकेत हैं। कू ऐप देश और दुनिया भर में लाखों लोगों को जोड़ रही है। आज मैं कू ऐप के नए लोगो को लॉन्च करके खुश हूँ। इतने कम समय में इस तरह की शानदार सोशल मीडिया ऐप को बनाने के लिए अप्रमेय और उनकी टीम को मेरी ओर से बधाई।”
कू के सह-संस्थापक, अप्रमेय राधाकृष्ण ने कहा, “हम अपनी नई पहचान को सबके सामने लाने के लिए बहुत उत्साहित हैं। यह नया रूप है और हमारी नन्ही पीली चिड़िया के बालपन से किशोरावस्था में बढ़ने का संकेत है। यह चिड़िया सकारात्मकता से भरी हुई है और लोगों को जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में सबसे सकारात्मक तरह से वार्ता और चर्चा करने के लिए प्रेरित करेगी। यह नन्हा पक्षी उड़ने के लिए तैयार है। हम गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर के आभारी हैं कि उन्होंने अपने 65 वें जन्मदिन के शुभ दिन पर कू के नए लोगो का उद्घाटन किया।
कू के सह-संस्थापक, मयंक बिदावतका ने कहा, उपयोगकर्ता वास्तव में हमारी नई पहचान को पसंद कर रहे हैं। यह एक प्यारी पीली चिड़िया है जो हमारे प्लेटफॉर्म के मुख्य मूल्य – सकारात्मकता का प्रतीक है। हमने कू को बनाया ताकि लोग विभिन्न विषयों पर चर्चा कर सकें और एक दूसरे को आगे बढ़ने में मदद कर सकें। कोई भी चीज जो लोगों के जीवन को बेहतर बना सके, उससे लोग जुड़ना पसंद करते हैं। हमारी नई चिड़िया उस सकारात्मकता का प्रतीक है जो यह मंच उनके जीवन में लाता है। लाखों उपयोगकर्ता एक दूसरे से जुड़ने और उस संगति में आराम की अनुभूति पाने के लिए कू का उपयोग करते हैं। यह छोटी पीली चिड़िया अब एक अरब भारतीयों की दूत बनने के लिए तैयार है!”