पृथ्वी से 'बड़ा' सौर तूफान टकराया,ब्लैक आउट का खतरा बढ़ा

पृथ्वी से ‘बड़ा’ सौर तूफान टकराया,ब्लैक आउट का खतरा बढ़ा,अमेरिकी एजेंसियाँ फिक्रमंद

लॉस एंजिल्स,11 अक्टूबर (युआईटीवी)- पृथ्वी के लिए सौर तूफान हमेशा से ही एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय रहा है, खासकर तब जब यह एक गंभीर स्तर पर पहुँच जाता है। 11 अक्टूबर को एक शक्तिशाली सौर तूफान पृथ्वी से टकराया, जिससे कई अमेरिकी एजेंसियों के लिए चिंता का माहौल बन गया। यू.एस. नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) ने इस घटना की पुष्टि की है और इसके संभावित प्रभावों को लेकर चेतावनी जारी की है।

एनओएए के अंतरिक्ष मौसम पूर्वानुमान केंद्र (एसडब्ल्यूपीसी) के अनुसार, यह सौर तूफान सूर्य से कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) के परिणामस्वरूप हुआ। सीएमई एक प्रकार का सौर विस्फोट होता है, जिसमें सूर्य के कोरोना से चुंबकीय क्षेत्र और प्लाज्मा का उत्सर्जन होता है। जब यह उत्सर्जन पृथ्वी की ओर आता है, तो यह पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराता है और एक भू-चुंबकीय तूफान का कारण बनता है। इस बार, सौर तूफान की गति लगभग 1.5 मिलियन मील प्रति घंटे (2.4 मिलियन किलोमीटर प्रति घंटे) थी, और यह गुरुवार को सुबह 11:15 बजे (ईएसटी) पर पृथ्वी से टकराया।

एसडब्ल्यूपीसी के अनुसार, यह तूफान जी4 (गंभीर) स्तर पर पहुँच गया, जो कि जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म वॉच के तहत आता है। सौर तूफानों की जी1 से लेकर जी5 तक की श्रेणी होती है, जिसमें जी5 सबसे गंभीर होता है। जी4 स्तर का तूफान बहुत गंभीर होता है और इसके कारण पृथ्वी पर कई नकारात्मक प्रभाव देखे जा सकते हैं।

सौर तूफान का सबसे बड़ा असर रेडियो ब्लैकआउट, बिजली ग्रिड पर दबाव और जीपीएस सेवाओं में गिरावट के रूप में देखा जा सकता है। जब सीएमई पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराता है, तो यह रेडियो सिग्नल में बाधा डाल सकता है, जिससे दूरसंचार सेवाएँ प्रभावित हो सकती हैं। इसके साथ ही, बिजली ग्रिड पर दबाव बढ़ने से बिजली की आपूर्ति में समस्या आ सकती है और इससे बड़े पैमाने पर बिजली कटौती का खतरा भी बढ़ जाता है।

इसके अलावा, जीपीएस सेवाओं में गिरावट भी हो सकती है, जो परिवहन और नेविगेशन के लिए गंभीर समस्या पैदा कर सकती है। एनओएए के अनुसार, इस बार का सौर तूफान तूफान हेलेन और मिल्टन से निपटने के लिए चल रहे रिकवरी प्रयासों पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इन प्रयासों में बाधा आने से प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति और बिगड़ सकती है।

एनओएए और एसडब्ल्यूपीसी लगातार सौर तूफान की स्थितियों पर नजर रख रहे हैं। वे समय-समय पर जियोमैग्नेटिक तूफान की चेतावनियाँ और अलर्ट जारी करते हैं,ताकि संभावित खतरों से निपटने के लिए एजेंसियाँ और प्रशासन तैयार रहें। वर्तमान स्थिति में, गुरुवार और शुक्रवार को जी4 या उससे अधिक जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म वॉच प्रभावी रहा,जिसका मतलब है कि इस दौरान और भी गंभीर सौर तूफानों का खतरा बना हुआ है।

सौर तूफानों का असर न केवल हमारे संचार और बिजली प्रणालियों पर पड़ता है, बल्कि यह पृथ्वी की सुरक्षा और संरचना के लिए भी खतरा बन सकता है। भविष्य में भी इस प्रकार के सौर तूफान हमारी तकनीकी प्रणालियों को चुनौती देते रहेंगे,इसलिए वैज्ञानिक और एजेंसियाँ लगातार अंतरिक्ष मौसम की निगरानी कर रही हैं।

सौर तूफानों से उत्पन्न खतरे को कम करने के लिए हमारे पास अभी भी सीमित विकल्प हैं,लेकिन समय पर चेतावनी और तैयारियों के माध्यम से इसके प्रभावों को कम किया जा सकता है। ऐसे तूफानों की भविष्यवाणी और उसके आधार पर कदम उठाना,एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।