पटना,6 नवंबर (युआईटीवी)- देश और दुनिया में मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन मंगलवार को दिल्ली में हुआ। उनकी उम्र 72 साल थी और कुछ दिन पहले उन्हें बीमारी के कारण दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सोमवार को उनकी तबियत और बिगड़ी थी,जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया था। शारदा सिन्हा के निधन की खबर से बिहार समेत पूरे देश में शोक की लहर फैल गई है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार कोकिला,पद्म श्री एवं पद्म भूषण से सम्मानित स्वर्गीय शारदा सिन्हा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए घोषणा की कि उनका अंतिम संस्कार पटना में राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही स्थानीय आयुक्त को शारदा सिन्हा के परिवार से समन्वय स्थापित कर उनके पार्थिव शरीर वायुयान से पटना भेजने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी पटना को भी अंतिम संस्कार के लिए सभी जरूरी इंतजाम करने के आदेश दिए गए हैं।
शारदा सिन्हा को ‘बिहार कोकिला’ के नाम से जाना जाता था। उन्हें पद्म श्री और पद्म भूषण जैसे उच्चतम सम्मान मिले थे। उन्होंने अपनी गायन यात्रा में मैथिली,भोजपुरी, बज्जिका तथा हिंदी गीतों के साथ-साथ कई हिंदी फिल्मों में भी अपनी मधुर आवाज दी थी। विशेष रूप से उनका गाया हुआ छठ महापर्व का गीत बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय था और उनकी आवाज़ में गाए गए गीतों ने देशभर में छठ पर्व की महिमा को बढ़ाया था।
सीएम नीतीश कुमार ने शोक व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट भी किया। उन्होंने लिखा कि, स्व. शारदा सिन्हा जी के निधन से संगीत के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। हम उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। इस दुख की घड़ी में उनके परिजनों एवं प्रशंसकों को धैर्य की शक्ति मिले,यही ईश्वर से कामना है।
शारदा सिन्हा के निधन ने संगीत प्रेमियों और बिहार के लोगों को गहरे दुख में डुबो दिया है। उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता और वे हमेशा भारतीय लोक संगीत की एक अमिट धरोहर बनकर जीवित रहेंगी।