नई दिल्ली,19 मार्च (युआईटीवी)- भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) इस वित्तीय वर्ष (वित्त वर्ष 25) के अंत तक एक स्टैंडअलोन हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में हिस्सेदारी हासिल करने की तैयारी में है। यह जानकारी एलआईसी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिद्धार्थ मोहंती ने दी। हालाँकि,मोहंती ने निवेश करने वाली हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं दी,लेकिन उन्होंने बताया कि इस विषय पर चर्चा अंतिम चरण में है।
मोहंती ने मुंबई में आयोजित ग्लोबल कॉन्फ्रेंस ऑफ एक्चुअरीज के दौरान अपने भाषण में यह कहा कि “हमारे पास एक योजना है और इस संबंध बातचीत अंतिम चरण में है। एलआईसी के लिए हेल्थ इंश्योरेंस क्षेत्र में प्रवेश करना स्वाभाविक रूप से एक अच्छा विकल्प है।” उन्होंने आगे कहा कि विनियामक अनुमोदन में समय लगता है,लेकिन उन्हें उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष 25 के अंत तक,यानी 31 मार्च से पहले, निर्णय ले लिया जाएगा।
मोहंती ने यह भी स्पष्ट किया कि एलआईसी के लिए किसी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में निवेश करते समय उनकी योजना उस कंपनी में पूर्ण हिस्सेदारी हासिल करने की नहीं है। इसका मतलब यह है कि एलआईसी किसी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में हिस्सेदारी तो खरीदेगा,लेकिन वह उसे पूरी तरह से अधिग्रहित नहीं करेगा।
इससे पहले,एलआईसी ने हेल्थ इंश्योरेंस व्यवसाय में अपनी रुचि का संकेत दिया था और वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में यह घोषणा की थी कि वह एक स्टैंडअलोन हेल्थ इंश्योरेंस फर्म में निवेश करना चाहता है। इससे एलआईसी की हेल्थ इंश्योरेंस क्षेत्र में विस्तार की योजना को लेकर बाजार में उत्साह बढ़ा है।
भारत में वर्तमान में सात प्रमुख हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियाँ हैं,जो इस क्षेत्र में काम कर रही हैं। इन कंपनियों में प्रमुख नाम हैं – स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस,केयर हेल्थ इंश्योरेंस,निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस,आदित्य बिड़ला हेल्थ इंश्योरेंस,नारायण हेल्थ इंश्योरेंस,मणिपाल सिग्ना हेल्थ इंश्योरेंस और गैलेक्सी हेल्थ इंश्योरेंस। इन कंपनियों में से किसी एक में एलआईसी हिस्सेदारी खरीद सकता है,लेकिन अभी तक इस विषय में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
इसके अलावा, एलआईसी ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से दीर्घकालिक बॉन्ड जारी करने का भी अनुरोध किया है। एलआईसी ने पहले 40 साल के बॉन्ड की माँग की थी,जिसे आरबीआई ने मंजूरी दे दी थी। अब, एलआईसी 50 साल और 100 साल के बॉन्ड जारी करने के लिए आरबीआई से चर्चा कर रहा है। मोहंती ने इस विषय पर कहा, “हम दीर्घकालिक निवेशक हैं और हमारे पास अनुबंध संबंधी दायित्व होते हैं, जिन्हें हमें पूरा करना होता है। इसलिए,निवेश और परिसंपत्ति-देयता प्रबंधन को सही तरीके से संचालित करना हमारे लिए महत्वपूर्ण है।”
एलआईसी की दीर्घकालिक बॉन्ड जारी करने की योजना एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह बीमा और पेंशन फंड की बढ़ती माँग को पूरा करने में मदद करेगा। इसके साथ ही,इससे कंपनी को अपनी लंबी अवधि की जरूरतों को पूरा करने के लिए वित्तीय संसाधन भी उपलब्ध होंगे। आरबीआई ने पहले ही 50 साल के बॉन्ड पेश किए हैं,जिससे बीमा कंपनियों और पेंशन फंड के लिए दीर्घकालिक निवेश के अवसर उपलब्ध हो गए हैं।
एलआईसी का हेल्थ इंश्योरेंस क्षेत्र में प्रवेश करने की योजना कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है,क्योंकि भारत में हेल्थ इंश्योरेंस बाजार तेजी से बढ़ रहा है। वर्तमान में,भारत में स्वास्थ्य बीमा के प्रति जागरूकता बढ़ी है और लोग स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए अधिक बीमा खरीद रहे हैं। इस बढ़ती माँग को देखते हुए,एलआईसी का हेल्थ इंश्योरेंस क्षेत्र में कदम रखना उसके लिए एक उपयुक्त कदम साबित हो सकता है।
एलआईसी का यह कदम न केवल हेल्थ इंश्योरेंस क्षेत्र में उसकी उपस्थिति को मजबूत करेगा,बल्कि कंपनी के लिए नई व्यवसायिक संभावनाओं के द्वार भी खोल सकता है। साथ ही,यह एलआईसी को एक स्थिर और दीर्घकालिक निवेशक के रूप में भी स्थापित कर सकता है,क्योंकि हेल्थ इंश्योरेंस एक ऐसा क्षेत्र है,जो भविष्य में विकास की संभावना के साथ है।
एलआईसी की हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में हिस्सेदारी हासिल करने की योजना और दीर्घकालिक बॉन्ड जारी करने की पहल उसकी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के साथ-साथ भविष्य में अधिक स्थिरता और विकास के अवसरों को जन्म दे सकती है। बीमा और पेंशन फंड की बढ़ती माँग के चलते एलआईसी का यह कदम बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है और यह कंपनी की समग्र विकास रणनीति का हिस्सा बन सकता है।