चेन्नई, 12 सितंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)| मशहूर संगीतकार ए.आर.रहमान को इन्कम टैक्स के एक पुराने मामले में नोटिस भेजा गया है। मद्रास उच्च न्यायालय ने प्रधान आयकर आयुक्त द्वारा की गई अपील पर संगीतकार को नोटिस भेजा है। प्रधान आयकर आयुक्त ने इन्कम टैक्स अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) के उस निर्णय के खिलाफ अपील की थी, जो रहमान के पक्ष में दिया गया था।
यह मामला साल 2011-12 का है और 15.98 करोड़ रुपये की घोषित की गई आय से जुड़ा है। इसमें पाया गया था कि रहमान ने फोटॉन कथा प्रोडक्शन और यूके के लेबारा से मिले क्रमश: 54 लाख रुपये और 3.47 करोड़ रुपये का उल्लेख अपने इन्कम टैक्स रिटर्न में नहीं किया था।
इसे लेकर रहमान ने स्पष्ट किया था कि 3.47 करोड़ की राशि लेबारा मोबाइल ने उनके फाउंडेशन को दी थी, जो अपना अलग टैक्स देती है। यह योगदान लेबारा ने फाउंडेशन को इसलिए दिया था क्योंकि रहमान ने उनके लिए तीन साल तक कॉलर ट्यून तैयार करने की सहमति दी थी।
आयकर विभाग ने रहमान के इस स्पष्टीकरण को स्वीकार कर 2016 में मामले का रीअसेसमेंट बंद कर दिया था। लेकिन 2018 में प्रधान आयुक्त ने रहमान से पूछा था इस मामले का अलग असिस्टमेंट क्यों होना चाहिए जबकि यह भुगतान उन्हें उनकी पेशेवर सेवाओं के लिए दिया गया था।
फाउंडेशन को लेबारा मोबाइल द्वारा किए गए योगदान के लिए गृह मंत्रालय की मंजूरी भी मिल गई थी।
आयकर विभाग ने यह कहते हुए उच्च न्यायालय में अपील की है कि विदेशी कंपनी द्वारा किया गया भुगतान उनकी पेशेवर सेवा के लिए है जबकि फाउंडेशन को कर में छूट मिली हुई है। ऐसे में यह गलत है।