प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (तस्वीर क्रेडिट@BJP4India)

महाकुंभ भगदड़ को पीएम मोदी ने दुखद बताया,सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की

नई दिल्ली,29 जनवरी (युआईटीवी)- प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन हुए अमृत स्नान के दौरान एक बड़ी भगदड़ मच गई,जिसमें तकरीबन 30 महिलाओं के घायल होने की खबर और कई लोगों की मौत भी हो गई है। यह हादसा संगम घाट पर बुधवार तड़के करीब एक से दो बजे के आसपास हुआ। इस हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की और मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी सहानुभूति जाहिर की। उन्होंने घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की और स्थानीय प्रशासन से पीड़ितों की हरसंभव मदद करने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस घटना के बाद एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस हादसे को लेकर बात की है और वह लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हैं। पीएम मोदी ने बताया कि वह अब तक सीएम योगी से चार बार बातचीत कर चुके हैं और स्थिति को सामान्य करने और राहत पहुँचाने के लिए निर्देश दिए हैं।

महाकुंभ के मौनी अमावस्या स्नान के दिन संगम घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी थी,जो त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के लिए आतुर थे। इसके चलते घाट पर दबाव बढ़ने लगा और अफरातफरी मच गई। घटनास्थल पर नागा साधुओं के आने की भी खबरें थीं,जिसके कारण संगम घाट पर भीड़ और अधिक बढ़ गई। इसी दौरान भगदड़ मच गई और लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गए,जिससे यह दुखद घटना घटित हुई।

इस बीच,सरकार ने संतों से अपील की कि वे शिविरों में वापस लौट जाएँ,ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे के बाद स्थिति को नियंत्रण में बताते हुए कहा कि भारी भीड़ और बैरिकेड्स को पार करने के कारण यह हादसा हुआ। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और अफवाहों से बचें।

सीएम योगी ने बताया कि महाकुंभ में लगभग 9 से 10 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज पहुँचे हैं और प्रशासन की प्राथमिकता यह है कि सभी श्रद्धालु सुरक्षित रूप से स्नान कर सकें। उन्होंने विशेष रूप से संगम नोज पर स्नान करने की आवश्यकता को नकारते हुए कहा कि श्रद्धालु जिस घाट पर हैं,वहीं स्नान करें। संगम नोज पर स्नान करना जरूरी नहीं है,इसलिए लोग वहाँ जाने से बचें।

महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजन में लाखों श्रद्धालुओं का एकत्र होना स्वाभाविक रूप से भीड़ का कारण बनता है,लेकिन इस तरह की दुर्घटनाएँ कई बार घटनाओं के अचानक होने और प्रशासन की असावधानी के कारण घटित होती हैं। इस हादसे के बाद प्रशासन ने और कड़े कदम उठाए हैं,ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिलकर स्थिति की गंभीरता को समझा और राहत कार्यों को तेज़ किया। स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने राहत कार्यों में त्वरित कार्रवाई की और घायल व्यक्तियों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। इसके साथ ही,प्रशासन ने महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को सुरक्षित रखने के लिए कई सुरक्षा उपायों को बढ़ा दिया है,ताकि भविष्य में ऐसी किसी भी अप्रत्याशित घटना से बचा जा सके।

यह हादसा निश्चित रूप से महाकुंभ के आयोजन में एक दुखद मोड़ है,लेकिन प्रशासन और सरकार की कोशिशों से जल्द ही स्थिति को संभालने की उम्मीद जताई जा रही है। इस प्रकार के घटनाओं से हमें यह समझने की आवश्यकता है कि बड़े धार्मिक आयोजनों के दौरान,श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्थाओं का विशेष ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।