मुंबई,25 नवंबर (युआईटीवी)- महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी की करारी हार के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।हालाँकि,कांग्रेस आलाकमान ने अभी तक उनके इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया है। यह इस्तीफा ऐसे समय में दिया गया है,जब कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन किया है।
महाराष्ट्र में कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी गठबंधन को सत्तारूढ़ एनडीए ने बुरी तरह से पराजित किया। कांग्रेस ने 103 सीटों पर चुनाव लड़ा,लेकिन उसे केवल 16 सीटों पर जीत मिली। 2019 के विधानसभा चुनावों की तुलना में यह प्रदर्शन काफी खराब रहा। हालाँकि, साकोली सीट से चुनाव लड़ने वाले पटोले अपनी सीट बचाने में सफल रहे। साकोली सीट से नाना पटोले ने बेहद कम अंतर, मात्र 208 वोटों से जीत दर्ज की, जो इस चुनाव की सबसे कम अंतर वाली जीतों में शामिल रही। 2019 में इसी सीट पर उन्होंने 8,000 वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की थी।
इस बार के चुनावों में कांग्रेस के कई बड़े नेता हार का सामना कर चुके हैं। बालासाहेब थोराट,पृथ्वीराज चव्हाण,विजय वडेट्टीवार,यशोमति ठाकुर और माणिकराव ठाकरे जैसे दिग्गज नेताओं की हार कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है।
नाना पटोले ने 2021 में महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष का पद संभाला था और अपने मुखर नेतृत्व के लिए जाने जाते हैं। चुनाव परिणामों से पहले उन्होंने यह दावा किया था कि कांग्रेस अगली महाविकास अघाड़ी सरकार का नेतृत्व करेगी,लेकिन परिणाम उनके दावे के उलट रहे। 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उनकी अगुवाई में 13 सीटें जीती थीं,लेकिन विधानसभा चुनाव में इस खराब प्रदर्शन के कारण उन्होंने आलाकमान को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
महायुति गठबंधन के तहत भाजपा ने सबसे अधिक 132 सीटों पर जीत हासिल की। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना,जिसने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा, ने 55 सीटें जीतीं। वहीं अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीटों पर सफलता पाई। यह नतीजे एनडीए के सशक्त संगठन और रणनीति को दर्शाते हैं, जिसने महाविकास अघाड़ी को कमजोर कर दिया।
कांग्रेस के खराब प्रदर्शन और शीर्ष नेताओं की हार ने पार्टी के सामने नेतृत्व और संगठन को मजबूत करने की बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। नाना पटोले का इस्तीफा इस बात का संकेत है कि पार्टी के भीतर आत्ममंथन की आवश्यकता है। महाराष्ट्र जैसे महत्वपूर्ण राज्य में कांग्रेस के लिए अपने आधार को पुनर्जीवित करना बेहद जरूरी हो गया है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन पार्टी के लिए चिंताजनक है। नाना पटोले का इस्तीफा इस हार की जिम्मेदारी लेने का संकेत है,लेकिन पार्टी को संगठन में व्यापक सुधार और रणनीति पर काम करने की जरूरत है। एनडीए के मजबूत प्रदर्शन ने राज्य की राजनीति में कांग्रेस की स्थिति को और कमजोर कर दिया है, जिससे पार्टी के लिए आगे की राह कठिन होती जा रही है।