नई दिल्ली,22 नवंबर (युआईटीवी)- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा मणिपुर हिंसा पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे गए पत्र पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। नड्डा ने खड़गे को पत्र लिखते हुए आरोप लगाया कि मणिपुर के इस संवेदनशील मुद्दे पर कांग्रेस राजनीति कर रही है।
नड्डा ने खड़गे को संबोधित करते हुए लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब इस साल मणिपुर हिंसा पर चर्चा कर रहे थे,तब कांग्रेस पार्टी ने सदन से बाहर निकलकर इस गंभीर मुद्दे को अनदेखा किया। यह रवैया न केवल गैर-जिम्मेदाराना था,बल्कि इसने कांग्रेस की नकारात्मक राजनीति को उजागर किया। नड्डा ने लिखा कि,”आपने अब राष्ट्रपति को पत्र लिखकर संविधान के सर्वोच्च पद और उस पर आसीन राष्ट्रपति मुर्मू के प्रति सम्मान तो व्यक्त किया,लेकिन आपकी पार्टी का अतीत इस बात का गवाह है कि कांग्रेस ने मणिपुर और उत्तर-पूर्वी राज्यों की समस्याओं को कभी गंभीरता से नहीं लिया।”
भाजपा अध्यक्ष ने 1990 के दशक और यूपीए शासनकाल के दौरान कांग्रेस सरकारों की विफलताओं को मणिपुर के मौजूदा हालात के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मणिपुर में हिंसा,अस्थिरता और आर्थिक पिछड़ेपन की नींव कांग्रेस ने ही रखी थी। उन्होंने 2011 की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि मणिपुर में उस समय 120 दिनों तक आंतरिक नाकेबंदी थी। इस दौरान पेट्रोल और एलपीजी की कीमतें देश के अन्य हिस्सों की तुलना में चार गुना अधिक थीं।
इसके अलावा, कांग्रेस सरकार के दौरान राज्य प्रशासन पर हजारों फर्जी मुठभेड़ों में शामिल होने के आरोप भी लगे थे। इन घटनाओं ने मणिपुर की जनता के बीच असुरक्षा और अस्थिरता का माहौल बनाया।
नड्डा ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मणिपुर और पूरे उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में शांति,समृद्धि और विकास हुआ है। चाहे वह आर्थिक सुधार हो, सुरक्षा व्यवस्था में सुधार हो या विकास के अवसरों की समान पहुँच हो,भाजपा सरकार ने उत्तर-पूर्व को विकास के मुख्यधारा में लाने का कार्य किया है।
उन्होंने यह भी बताया कि भाजपा सरकार ने मणिपुर हिंसा के दौरान त्वरित कदम उठाए और केंद्र व राज्य सरकारों ने मिलकर स्थिति को नियंत्रित किया। नड्डा ने कहा कि, “हमने मणिपुर की जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास किए।”
जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर मणिपुर में विदेशी उग्रवादियों के साथ समझौता करने और उन्हें वैधता देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकारों ने भारतीय सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया और उग्रवादी संगठनों को मणिपुर और अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों में हिंसा फैलाने का मौका दिया।
नड्डा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की नीतियाँ केवल देश की शांति और सुरक्षा को नुकसान पहुँचाने के उद्देश्य से बनाई गई थीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विदेशी ताकतों के साथ मिलकर भारत की प्रगति को बाधित करने की साजिश रच रही है।
पत्र के अंत में नड्डा ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि मणिपुर हिंसा पर कांग्रेस की राजनीति देश की प्रगति को रोकने की एक गहरी साजिश का हिस्सा हो सकती है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि आखिर कांग्रेस ऐसा क्यों कर रही है और इसके पीछे कौन-सी ताकतें काम कर रही हैं।
जेपी नड्डा का यह पत्र भाजपा और कांग्रेस के बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव को दिखाता है। मणिपुर हिंसा जैसे संवेदनशील मुद्दे पर दोनों दलों की बयानबाजी से स्पष्ट है कि इसे राजनीति का केंद्र बना दिया गया है,जहाँ भाजपा अपनी उपलब्धियाँ गिनाने और कांग्रेस की विफलताओं को उजागर करने में लगी है,वहीं कांग्रेस मणिपुर के हालात को लेकर सरकार की नीतियों पर सवाल उठा रही है।