चेहरे की पहचान सुविधा का उपयोग जारी रखेगी मेटा : रिपोर्ट

सैन फ्रांसिस्को, 5 नवंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)- इस हफ्ते की शुरुआत में, फेसबुक ने घोषणा की थी कि वह अपने चेहरे की पहचान प्रणाली को बंद कर देगा। लेकिन अब, सोशल नेटवर्क की मूल कंपनी मेटा ने कहा कि वह अपने मेटावर्स उत्पादों के लिए उसी प्रणाली का उपयोग करती रहेगी। रिकोड की रिपोर्ट के अनुसार, मेटा पहले से ही अपने उभरते हुए मेटावर्स व्यवसाय में बायोमेट्रिक्स को शामिल करने के तरीके तलाश रहा है, जिसका उद्देश्य वर्चुअल, इंटरनेट-आधारितसिमुलेशन बनाना है जहां लोग अवतार के रूप में बातचीत कर सकते हैं।

मेटा के प्रवक्ता जेसन ग्रोस ने रिकोड को बताया, “हम मानते हैं कि इस तकनीक में भविष्य में सकारात्मक उपयोग के मामलों को सक्षम करने की क्षमता है जो गोपनीयता, नियंत्रण और पारदर्शिता बनाए रखते हैं। यह एक ऐसा दृष्टिकोण है जिसे हम तलाशना जारी रखेंगे क्योंकि हमारा विचार है कि हमारे भविष्य के कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म और डिवाइस लोगों की जरूरतों को कैसे पूरा कर सकते हैं।”

रिपोर्ट के अनुसार, मेटा विभिन्न प्रकार के बायोमेट्रिक टूल का उपयोग करना जारी रखेगी, जिसमें डीपफेस, एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता तकनीक शामिल है, जो उपयोगकर्ता की तस्वीरों के साथ फेसबुक के चेहरे की पहचान प्रणाली द्वारा उत्पन्न चेहरे के टेम्पलेट से मेल खाती है।

फेसबुक फेस रिकग्निशन उन तस्वीरों और वीडियो का विश्लेषण करता था जो कंपनी को लगता है कि एक उपयोगकर्ता फेसबुक पर है और इसने सोशल नेटवर्क पर “टैग सुझाव” सेटिंग को बदल दिया।

फेसबुक पर 2011 से फेशियल रिकग्निशन उपलब्ध है और फेसबुक ने उस समय 500 मिलियन से अधिक लोगों के लिए फीचर को स्वचालित रूप से चालू कर दिया था।

आपको बता दें कि फेसबुक ने एक प्रमुख रीब्रांड के हिस्से के रूप में अपने कॉर्पोरेट नाम को मेटा में बदल दिया।

कंपनी ने कहा कि वह जो करती है उसे बेहतर “शामिल” करेगी, क्योंकि यह सोशल मीडिया से परे आभासी वास्तविकता (वीआर) जैसे क्षेत्रों में अपनी पहुंच को व्यापक बनाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *