जांच एजेंसी का दुरुपयोग कर रही है गहलोत सरकार - गजेंद्र सिंह शेखावत

जांच एजेंसी का दुरुपयोग कर रही है गहलोत सरकार – गजेंद्र सिंह शेखावत

नई दिल्ली, 7 जून (युआईटीवी/आईएएनएस)- केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर राज्य की जांच एजेंसी का दुरुपयोग कर उन्हें फंसाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।

भाजपा मुख्यालय में मीडिया द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि जो अशोक गहलोत देश भर में खड़े होकर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगा रहे हैं, वही गहलोत अपने ही प्रदेश राजस्थान में राज्य सरकार की जांच एजेंसी का दुरुपयोग कर उन्हें संजीवनी मामले में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं।

शेखावत ने कहा कि संजीवनी मामले से उनका कोई लेना देना नहीं है, इस मामले में कानून अपना काम कर रहा है लेकिन अशोक गहलोत जांच एजेंसी का दुरुपयोग कर उनका संबंध संजीवनी के साथ स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गहलोत कह रहे हैं कि इस मामले में ईडी जांच क्यों नहीं कर रही है ? जबकि सच्चाई तो यह है कि नियमों के मुताबिक सीबीआई ही इसकी जांच कर सकती है लेकिन राज्य सरकार नामी वकीलों को करोड़ों रुपये की फीस दे रही है ताकि सीबीआई संजीवनी मामले की जांच न कर सके।

शेखावत ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने राजस्थान को सर्वाधिक संसाधन मुहैया कराए, फंड दिया लेकिन सरकार का फोकस विकास की बजाय कुर्सी बचाने पर ज्यादा रहा और इस वजह से आज राजस्थान विकास के मामले में निचले पायदान पर पहुंच गया है।

उन्होंने बिजली बिलों में छूट और गैस सिलेंडर पर छूट देने के अशोक गहलोत सरकार के ऐलान को झुनझुना बताते हुए कहा कि देश में सबसे ज्यादा महंगा पेट्रोल और डीजल राजस्थान में बेचने और किसानों को बिजली बिल में मिल रही छूट को वापस लेने और साढ़े चार साल तक हर मोर्चे पर विफल रहने के बाद अब गहलोत सरकार चुनाव को देखते हुए झुनझुना पकड़ा कर राजनीतिक लाभ हासिल करने की कुचेष्टा कर रही है।

उन्होंने अजमेर कांड पर बन रहे डॉक्यूमेंट्री को धर्म के आधार पर नहीं देखने की वकालत करते हुए राजस्थान सरकार पर तुष्टीकरण की नीति पर काम करने का आरोप लगाया।

सचिन पायलट की प्लानिंग को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए शेखावत ने कहा कि इसका जवाब वे कैसे दे सकते हैं। इसका जवाब तो सचिन पायलट दे सकते हैं या अशोक गहलोत दे सकते हैं या जैसा कि सुनने में आ रहा है, प्रशांत किशोर दे सकते हैं।

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