वॉशिंगटन, 30 जून (युआईटीवी/आईएएनएस)- अमेरिकी जैव प्रौद्योगिकी कंपनी मॉर्डना ने मंगलवार को कहा कि उसकी कोविड वैक्सीन ने कोरोनोवायरस वेरिएंट के खिलाफ एक प्रयोगशाला में असरदायक प्रभाव दिखाया, जिसमें भारत में पहली बार पहचाने जाने वाले अत्यधिक संक्रामक डेल्टा वेरिएंट भी शामिल हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मॉडर्न कोविड वैक्सीन की दूसरी खुराक प्राप्त करने के एक सप्ताह बाद आठ प्रतिभागियों से व्रिटो न्यूट्रलाइजेशन अध्ययन के परिणाम आए।
वैक्सीन ने परीक्षण किए गए सभी प्रकारों के खिलाफ न्यूट्रलाइजिंग टाइटर्स का उत्पादन किया, जिसमें बीटा संस्करण के अतिरिक्त संस्करण शामिल हैं, जिसे वैज्ञानिक रूप से बी.1.351 नाम दिया गया था। इसे पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पहचाना गया था, बी.1.617 जो पहली बार भारत में पहचाना गया था, जिनमें कप्पा (बी.1.617.1) और डेल्टा संस्करण (बी.1.617.2) शामिल हैं। एटा संस्करण (बी.1.525) जिसे पहली बार नाइजीरिया में पहचाना गया था, और ए.23.1 और ए.वाओआई 2 वेरिएंट को पहले मॉडर्न के अनुसार क्रमश युगांडा और अंगोला में पहचाना गया था।
मॉडर्ना स्टीफन बंसेल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा, “ये नए डेटा हमारे इस विश्वास को प्रोत्साहित और पुष्ट कर रहे हैं कि मॉडर्न कोविड 19 वैक्सीन नए पाए गए वेरिएंट के खिलाफ सुरक्षात्मक और असरदार रहा।”
ये डेटा बायोरेक्सिव के लिए एक प्रीप्रिंट के रूप में प्रस्तुत किए गए थे, और अभी तक सहकर्मी समीक्षा नहीं की गई है।