पूजा सिंघल (तस्वीर क्रेडिट@rajeshdabral07)

मनी लॉन्ड्रिंग केस में 28 महीने जेल में रही आईएएस पूजा सिंघल का निलंबन वापस,राज्य सरकार के आदेश पर फिर से लौट रहीं काम पर

राँची,22 जनवरी (युआईटीवी)- झारखंड सरकार ने चर्चित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल का निलंबन समाप्त कर दिया है। राज्य के कार्मिक,प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी किया,जिसमें उन्हें कार्मिक विभाग में योगदान करने का निर्देश दिया गया है। यह निर्णय मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी एक कमेटी द्वारा हाल ही में की गई सिफारिशों के आधार पर लिया गया,जिसमें पूजा सिंघल को निलंबनमुक्त करने की अनुशंसा की गई थी।

पूजा सिंघल,जो पहले झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) की चेयरमैन रह चुकी हैं,28 महीने तक जेल में बंद रही थीं। उनका नाम मनरेगा घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग केस में सामने आया था। इस मामले में गिरफ्तार होने के बाद उन्हें करीब दो साल से अधिक समय तक जेल में रहना पड़ा। हालाँकि,सितंबर 2024 में पीएमएलए कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। जमानत मिलने के दौरान अदालत ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के एक प्रावधान का हवाला दिया, जिसके तहत यदि कोई आरोपी लंबी अवधि तक जेल में बंद रहता है और उसने उस मामले में दी जाने वाली कुल सजा की एक-तिहाई अवधि जेल में बिता ली है,तो उसे जमानत दी जा सकती है। कोर्ट ने जमानत की शर्तों के तहत पूजा सिंघल से दो-दो लाख रुपये के निजी मुचलके और पासपोर्ट जमा करने की माँग की थी।

पूजा सिंघल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 11 मई 2022 को गिरफ्तार किया था। इससे पहले,ईडी ने उनके विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की थी,जिसमें उनके पति अभिषेक झा के चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) सुमन कुमार के आवास से करीब 20 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए थे। इसके बाद,झारखंड सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था। निलंबन से पहले पूजा सिंघल झारखंड सरकार में उद्योग सचिव और खान सचिव के रूप में कार्यरत थीं। उन्होंने पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में कृषि सचिव के रूप में भी अपनी सेवाएँ दी थीं।

मनरेगा घोटाले के समय पूजा सिंघल खूँटी जिले के उपायुक्त (डीसी) के पद पर तैनात थीं, जहाँ इस घोटाले का मुख्य आरोप लगा था। यह घोटाला राज्य के ग्रामीण विकास विभाग से जुड़ा हुआ था,जिसमें कथित तौर पर धन की हेराफेरी की गई थी। पूजा सिंघल की गिरफ्तारी और बाद में निलंबन ने झारखंड प्रशासन में हलचल मचा दी थी,लेकिन अब उनके निलंबन को समाप्त कर दिया गया है और वे फिर से सरकारी सेवाओं में योगदान करने के लिए तैयार हैं।

पूजा सिंघल का जन्म देहरादून में हुआ था। उनकी शिक्षा हमेशा शीर्ष स्थानों पर रही है। स्कूल से लेकर कॉलेज तक,वह लगातार टॉपर रही हैं। उन्होंने गढ़वाल विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री लेने के बाद साल 1999 में पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास की और महज 21 साल की उम्र में आईएएस बन गईं। उनकी मेहनत और कड़ी लगन ने उन्हें प्रशासनिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया।

पूजा सिंघल का नाम अब भी विवादों में घिरा हुआ है,लेकिन राज्य सरकार ने उनके निलंबन को समाप्त कर उन्हें एक नई शुरुआत देने का फैसला लिया है। उनका कैरियर और उनकी व्यक्तिगत यात्रा यह दर्शाती है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा में आने के बाद भी व्यक्ति कई चुनौतियों का सामना करता है और उनकी पूरी जिंदगी एक सार्वजनिक सेवा की मिसाल होती है। अब देखना यह है कि पूजा सिंघल अपने करियर के अगले अध्याय में अपनी पुरानी छवि को कैसे सुधारती हैं और प्रशासनिक क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाती हैं।