लखनऊ, 5 नवंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सुबह की सैर (मार्निंग वॉक) करने वालों ने शुक्रवार को आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की। राज्य की राजधानी में एक्यूआई स्तर 302 पाया गया, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है।
लखनऊ में गुरुवार की रात दिवाली के मौके पर लोगों ने जमकर आतिशबाजी की।
लोगों ने सभी चिंताओं और सावधानियों को दरकिनार करते हुए खूब पटाखे फोड़े। पटाखे और बमों की गगनभेदी आवाज शुक्रवार की तड़के तक जारी रही।
एक निजी चिकित्सक, डॉ प्रताप सिंह ने कहा, मुझे अपने मरीजों की ओर से आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के साथ कम से कम पांच फोन आए हैं। यह पटाखों से निकलने वाले धुएं और हवा में प्रदूषकों के बढ़ने के कारण है। मैं सभी को सलाह देना चाहूंगा कि जब तक हवा साफ न हो जाए, तब तक कम से कम तीन दिनों तक मॉनिर्ंग वॉक से बचें।
लोहिया पार्क में रोजाना सैर करने वाले सतीश कुमार अग्रवाल ने कहा कि वह शुक्रवार को जल्दी घर लौट आए, क्योंकि करीब 20 मिनट बाद ही उन्हें बेचैनी होने लगी।
उन्होंने कहा, हर कोई चिंतित था, लेकिन मेरी बेटी ने हमारे डॉक्टर को फोन किया और उन्होंने कहा कि यह प्रदूषण के कारण है। हमारी कॉलोनी में लोगों ने गुरुवार को इतने पटाखे फोड़े कि रात में ²श्यता बहुत खराब हो गई।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि हालांकि उन्होंने लोगों को पटाखों का इस्तेमाल नहीं करने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि लोग समझाने और चेतावनी के बावजूद पटाखे फोड़ने से बाज नहीं आए, जिससे प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है।