मनीष सिसोदिया

राजस्व बढ़ाने के लिए दिल्ली का सीजीस के साथ एमओयू

नई दिल्ली, 18 नवंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)- दिल्ली सरकार ने मौजूदा कर-प्रणाली में सुधार लाकर राजस्व बढ़ाने के लिए सीजीस के साथ एक एमओयू किया है। दिल्ली सरकार ने इसे टैक्स रिफॉर्म की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि दिल्लीवासियों को इसका व्यापक लाभ होगा। सरकार जल्द ही कर-प्रणाली में सुधार के साथ ही कर-संग्रह को ज्यादा प्रभावी बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाएगी। दिल्ली सचिवालय में बुधवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की उपस्थिति में सीजीस की ओर से सह संस्थापक आशीष धवन ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया। इस दौरान सेंटर फॉर इफेक्टिव गवर्नेंस ऑफ इंडियन स्टेट्स (सीजीस) की टीम ने प्रेजेंटेशन भी दिया। विशेषज्ञों द्वारा सभी पहलुओं का अध्ययन करके जनवरी के अंत तक प्रारंभिक रिपोर्ट पेश की जाएगी। सीजीस के सह संस्थापक एवं यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के प्रोफेसर कार्तिक मुरलीधरन भी इस चर्चा में ऑनलाइन शामिल हुए।

इस मौके पर दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, “दिल्ली सरकार ने प्रारंभ से ही कर-सुधार की दिशा में लगातार महत्वपूर्ण कदम उठाकर व्यवसायी वर्ग और दिल्ली के नागरिकों को राहत दी है। इसके कारण व्यवसायियों तथा नागरिकों का दिल्ली सरकार पर भरोसा बढ़ा है। राजस्व बढ़ाने की दिशा में काफी सफलता मिली है।”

सिसोदिया ने कहा, “कोरोना और लॉकडाउन के साथ ही आर्थिक संकट के आलोक में दिल्ली का राजस्व बढ़ाना एक बड़ी चुनौती है। इसलिए टैक्स-रिफॉर्म के माध्यम से कर-प्रणाली की बेहतर डिजाइन का सुझाव देने के लिए दिल्ली सरकार ने विशेषज्ञों को सभी पहलुओं के अध्ययन का दायित्व सौंपा है।

इस स्टडी के तहत दिल्ली तथा अन्य राज्यों की टैक्स प्रणाली का तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा। इसमें जीएसटी, वाहन टैक्स, स्टाम्प ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी इत्यादि से जुड़े महत्वपूर्ण पहलू शामिल होंगे।

सरकार ने उम्मीद जताई कि सीजीस टीम के अध्ययन से दिल्ली में एक बार फिर टैक्स-रिफॉर्म की बेहतर प्रणाली तैयार करने में मदद मिलेगी। इसके जरिए राजस्व वृद्धि का लाभ सभी दिल्लीवासियों को मिलेगा।

सीजीस के सह संस्थापक आशीष धवन ने कहा, “दिल्ली सरकार के साथ इस एमओयू के व्यापक उद्देश्य हैं। हम टैक्स रिफॉर्म के माध्यम से राजस्व वृद्धि के उपाय तलाशेंगे। मालूम हो कि सीजीस एक गैर-लाभकारी संस्था है, जिसका उद्देश्य भारतीय राज्यों के कामकाज में सुधार लाना है। इसने तेलंगाना सहित अन्य राज्यों में गवर्नेस पर काम किया है।”

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