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नाबार्ड ने 2023-24 के लिए ओडिशा की क्रेडिट क्षमता 1.60 लाख करोड़ रुपये आंकी

भुवनेश्वर, 15 दिसंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)- नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) ने वित्तवर्ष 2023-24 के लिए ओडिशा की क्रेडिट क्षमता 1,60,280.30 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है। अधिकारियों ने बुधवार को यहां यह जानकारी दी। बुधवार को जारी वर्ष 2023-24 के लिए नाबार्ड के स्टेट फोकस पेपर के अनुसार, वर्ष 2023-24 के लिए क्रेडिट परियोजना पिछले वर्ष के क्रेडिट अनुमान 1,34,665 करोड़ रुपये से 19.02 प्रतिशत अधिक है।

प्राथमिकता क्षेत्र के लिए कुल ऋण क्षमता में से कृषि क्षेत्र के तहत 58,776.16 करोड़ रुपये की राशि का आकलन किया गया है।

कृषि क्षेत्र कुल प्राथमिकता वाले क्षेत्र का लगभग 36.67 प्रतिशत है, जिसमें से 53,323.04 करोड़ रुपये (90.72 प्रतिशत) कृषि ऋण के तहत अनुमानित है, जिसमें कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए फसल ऋण और सावधि ऋण दोनों शामिल हैं।

इसके अलावा, कृषि बुनियादी ढांचे और सहायक गतिविधियों के तहत ऋण क्षमता क्रमश: 2,112.51 करोड़ रुपये और 3340.61 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है।

एमएसएमई क्षेत्र के तहत ऋण क्षमता का आकलन 72297.90 करोड़ रुपये किया गया है, जो कुल प्राथमिकता वाले क्षेत्र का लगभग 45.10 प्रतिशत है। निर्यात ऋण, शिक्षा, आवास, नवीकरणीय ऊर्जा, अन्य और सामाजिक अवसंरचना सहित अन्य क्षेत्रों की प्राथमिकता क्षेत्र के तहत कुल ऋण क्षमता में लगभग 18.23 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

राज्य में विभिन्न क्षेत्रों और उप क्षेत्रों के तहत अनुमानित ऋण क्षमता का आकलन करते समय राज्य फोकस पेपर महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के अंतराल को इंगित करता है और बाधाओं को दूर करने की दृष्टि से सुझाव देता है।

नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक, सी. उदयभास्कर ने कहा कि नाबार्ड ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास, आदिवासी विकास, वाटरशेड विकास और एसएचजी महिलाओं के बीच सूक्ष्म उद्यमिता विकास और ग्रामीण आजीविका में वृद्धि के लिए अन्य विकासात्मक गतिविधियों के तहत ओडिशा के लिए अपना समर्थन बढ़ा रहा है।

उन्होंने सिंचाई के तहत क्षेत्र को बढ़ाने और रबी फसलों के विस्तार की जरूरत पर बल दिया।

वित्तमंत्री निरंजन पुजारी ने कार्यक्रम में भाग लेते हुए ओडिशा में प्राथमिकता वाले क्षेत्र के लिए बैंक ऋण बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया, क्योंकि सरकार भी बलराम, कालिया, समृद्धि, बाजरा मिशन, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) आदि जैसी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सक्रिय रूप से समर्थन कर रही है।

उन्होंने कहा कि यह बैंकों के लिए राज्य में निजी पूंजी निर्माण के लिए ऋण प्रवाह को काफी हद तक बढ़ाने का समय है।

पुजारी ने कहा कि राज्य सरकार कृषि क्षेत्र में प्रभावी विकास के लिए राज्य में सक्षम बुनियादी ढांचे और निवेश का निर्माण कर रही है और बैंकों को किसानों को आर्थिक लाभ के लिए ऋण प्रदान करना है।

उन्होंने बैंकरों से आग्रह किया कि वे कृषि क्षेत्र के विकास को आगे बढ़ाने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए मूल्य श्रृंखलाओं, नवीन नए युग की परियोजनाओं के लिए आगे आएं।

राज्य विकास आयुक्त पी.के. जेना ने कहा कि संबद्ध क्षेत्रों- जैसे डेयरी, बकरी पालन, मत्स्य पालन आदि में राज्य में जबरदस्त क्षमता है और बैंकों को इस क्षेत्र में ऋण प्रवाह बढ़ाना होगा।

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