रांची, 12 नवंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)- एक करोड़ का इनामी नक्सली कमांडर प्रशांत बोस और उसकी पत्नी शीला मरांडी पुलिस के कब्जे में हैं। दोनों को शुक्रवार दोपहर जमशेदपुर के पास कांड्रा टोल ब्रिज पर एक गाड़ी में पकड़ा गया। प्रशांत बोस भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के पोलित ब्यूरो का सदस्य और उनके ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो का सचिव है। नक्सली संगठन में उसे किशन दा उर्फ मनीष उर्फ बूढ़ा के नाम से भी जाना जाता है। पुलिस उसे बिहार, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र में नक्सली संगठन के ऑपरेशन का मास्टरमाइंड मानती है। पुलिस ने आधिकारिक तौर पर प्रशांत बोस और उसकी पत्नी की गिरफ्तारी के बारे में कोई बयान नहीं जारी किया है, लेकिन दोनों को टोल ब्रिज के पास पकड़े जाने का वीडियो वायरल हो गया है। नक्सलियों का यह शीर्ष नेता पिछले चार दशकों से कई राज्यों की पुलिस के लिए वांटेड था। बताया जाता है कि पुलिस और आईबी की टीम को सूचना मिली थी कि प्रशांत बोस अपने इलाज के लिए सरायकेला-चांडिल आने वाला है। सूचना के आधार पर घेराबंदी की गयी और उसे कांड्रा टोल ब्रिज के पास एक गाड़ी में पकड़ लिया गया। बोस की पत्नी शीला मरांडी भी उसके साथ थी। वह भी कई नक्सली वारदातों में वांछित रही है। भरोसमंद सूत्रों ने बताया कि पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रशांत बोस को सुरक्षित ठिकाने पर ले गयी हैं, जहां उससे पूछताछ कर रही हैं।
प्रशांत बोस झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश एवं महाराष्ट्र में 200 से भी ज्यादा नक्सली वारदातों का मास्टरमाइंड माना जाता रहा है। उसकी उम्र 80 वर्ष से ज्यादा है, लेकिन नक्सली संगठन का थिंक टैंक होने के कारण उसकी संगठन में बड़ी अहमियत रही है। उसपर बिहार को छोड़कर इन सभी राज्यों में इनाम घोषित है। प्रशांत बोस मुख्य तौर पर झारखंड के जंगलों और पहाड़ियों में ही पनाह लेता रहा है। पुलिस को कभी पारसनाथ की पहाड़ियों, कभी हजारीबाग-बोकारो के झुमरा, कभी सारंडा तो कभी बूढ़ा पहाड़ पर मौजूद होने की सूचना मिलती थी, लेकिन वह इतना शातिर है कि हर बार पुलिस की घेराबंदी से बाहर निकलने में कामयाब रहा था। सारंडा के जंगलों में कोबरा बटालियन के साथ कई बार उसकी मुठभेड़ हो चुकी थी, लेकिन वह हर बार बच निकला था। प्रशांत बोस मूल रूप से पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले का रहने वाला है। उसने झारखंड के टुंडी प्रखंड की नावाटांड़ निवासी आदिवासी महिला शीला से विवाह किया था।
माना जा रहा है कि प्रशांत बोस की गिरफ्तारी से पुलिस को नक्सली संगठन की कार्यप्रणाली, उनके ऑपरेशन, हथियारों के जखीरे और आगे की योजनाओं के बारे में अहम सुराग हाथ लग सकते हैं। एनआईए की टीम भी उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत थी।