इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव

भारत में एमयू वैरिएंट का कोई मामला नहीं, हम पैनी नजर बनाए हुए है : केंद्र

न्यू दिल्ली, 3 सितम्बर (युआईटीवी/आईएएनएस)- केंद्र सरकार ने कहा है कि भारत में अब तक विश्लेषण किए गए 51,000 से अधिक नमूनों में से एमयू प्रकार के कोरोनावायरस के किसी भी मामले का पता नहीं चला है। इस नए कोरोनावायरस वेरिएंट ‘एमयू’ की पहचान सबसे पहले जनवरी में कोलंबिया में हुई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोनावायरस के एमयू स्ट्रेन को ‘इंट्रेस्ट’ के रूप में नामित किया था।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि हम एमयू नाम के नए कोरोनावायरस ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ पर करीब से नजर रख रहे हैं और भारत में अब तक कोई मामला सामने नहीं आया है।

डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि नया एमयू वैरिएंट टीकों के संभावित प्रतिरोध के संकेत दिखाता है। डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा कि नवीनतम दौर के आकलन के आधार पर, बी.1.621 को 30 अगस्त को वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रूप में वगीर्कृत किया गया और डब्ल्यूएचओ से एमयू का लेबल दिया गया।

बुलेटिन यह भी कहा गया है कि एमयू वैरिएंट में उत्परिवर्तन का एक नक्षत्र है जो प्रतिरक्षा से बचने के संभावित गुणों को इंगित करता है। वायरस इवोल्यूशन वकिर्ंग ग्रुप को डेटा बीटा वैरिएंट के समान स्वस्थ और टीका सीरा की तटस्थता क्षमता में कमी दिखाता है।

एमयू वैरिएंट पर टिप्पणी करते हुए, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी.के. पॉल ने कहा कि सरकार और स्वास्थ्य वैज्ञानिक इस तरह की रुचि पर कड़ी नजर रख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि टीके की दोनों खुराक देना और किसी भी कोविड वैरिएंट से लड़ने के लिए कोविड के उचित व्यवहार का पालन करना आवश्यक है।

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