शीतकालीन अवकाश में सुप्रीम कोर्ट की कोई बेंच नहीं : सीजेआई

नई दिल्ली, 16 दिसंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)- भारत के चीफ जस्टिस (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को कहा कि शनिवार से शुरू होने वाले सुप्रीम कोर्ट के शीतकालीन अवकाश के दौरान कोई पीठ उपलब्ध नहीं होगी। केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि लोगों को लगता है कि अदालत की लंबी छुट्टियां फरियादियों के लिए अच्छी नहीं है। रीजीजू के इस बयान के मद्देनजर प्रधान न्यायाधीश की यह घोषणा कि कल से 1 जनवरी तक कोई बेंच उपलब्ध नहीं होगी, महत्वपूर्ण है।

शुक्रवार सुप्रीम कोर्ट के लिए अंतिम कार्य दिवस है और दो जनवरी, 2023 को दो सप्ताह के शीतकालीन अवकाश के बाद फिर से खुलेगा।

अदालतों द्वारा ली गई लंबी छुट्टियों को अक्सर आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है। हालांकि, तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना ने जुलाई में रांची में ‘लाइफ ऑफ ए जज’ पर लेक्चर देते हुए कहा था कि यह गलत धारणा है कि न्यायाधीश का जीवन बेहद आरामदायक है और अपनी छुट्टियों का आनंद लेते हैं।

एन.वी. रमना ने कहा, जजों की रातों की नींद उड़ जाती है, वे अपने फैसलों पर पुनर्विचार करते हैं। शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों को अंतिम फैसला सुनाने का काम सौंपा गया है। उच्चतम स्तर पर तनाव बहुत अधिक है। यह एक कठिन जिम्मेदारी है, जिसे हम बेहद गंभीरता से लेते हैं। लोगों के मन में यह गलत धारणा है कि न्यायाधीशों की जिंदगी बहुत आराम की होती है, वे सुबह 10 बजे से केवल शाम 4 बजे तक काम करते हैं और छुट्टियों का आनंद उठाते हैं, लेकिन यह विचार असत्य है।

उन्होंने आगे कहा, हम वीकेंड और अदालती छुट्टियों के दौरान भी शोध करने और लंबित फैसलों को लिखने के लिए काम करना जारी रखते हैं। इस प्रक्रिया में हम अपने जीवन की कई खुशियों को खो देते हैं। कभी-कभी, हम महत्वपूर्ण पारिवारिक आयोजनों को याद करते हैं। कभी-कभी मन में ख्याल आता है कि कई दिनों तक मुझे न देखने पर मेरे पोते-पोतियां मुझे पहचान पाएंगे या नहीं।

 

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