नई दिल्ली, 18 दिसंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)| किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार मध्य प्रदेश के भोपाल में आयोजित हुए किसान सम्मेलन को सीधे संबोधित करते हुए तीनों कानूनों को लेकर उठते सभी सवालों का जवाब दिया। उन्होंने विपक्ष पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए किसानों को सावधान किया। भोपाल के रायसेन में शुक्रवार को आयोजित इस किसान सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने एक-एक कानून से होने वाले फायदे और इससे जुडे भ्रम पर सफाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने करीब 45 मिनट चले भाषण के दौरान तीनों कानूनों की पृष्ठिभूमि, इसके लाभ और इसको लेकर उठते सवालों का जवाब देकर किसानों को कई बड़े संदेश दिए। प्रधानमंत्री मोदी ने 25 दिसंबर को अटल जयंती पर भी इस तरह किसानों के मसले पर चर्चा करने की जानकारी दी। माना जा रहा है कि तीनों कानूनों को लेकर किसानों के बीच गलतफहमी दूर करने के लिए आगामी समय पीएम मोदी इसी तरह के और किसान सम्मेलनों को संबोधित कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कृषि सुधारों से जुड़ा एक और झूठ फैलाया जा रहा है एपीएमसी यानी मंडियों को लेकर। हमने कानून में क्या किया है? हमने कानून में किसानों को आजादी दी है, नया विकल्प दिया है। नए कानून में हमने सिर्फ इतना कहा है कि किसान चाहे मंडी में बेचे या फिर बाहर, ये उसकी मर्जी होगी। अब जहां किसान को लाभ मिलेगा, वहां वो अपनी उपज बेचेगा।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नए कानून के बाद 6 महीने हो गए हैं, देश में एक भी मंडी बंद नहीं हुई है। फिर क्यों ये झूठ फैलाया जा रहा है? हमारी सरकार एपीएमसी को आधुनिक बनाने पर, उनके कंप्यूटरीकरण पर 500 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर रही है। फिर ये मंडी बंद किए जाने की बात कहां से आ गई?
प्रधानमंत्री मोदी ने फार्मिग एग्रीमेंट को लेकर फैले भ्रम पर भी सफाई दी। उन्होंने कहा कि कृषि सुधारों को लेकर तीसरा बहुत बड़ा झूठ चल रहा है फार्मिग एग्रीमेंट को लेकर। देश में फार्मिग एग्रीमेंट क्या कोई नई चीज नहीं है। हमारे देश में बरसों से फार्मिग एग्रीमेंट की व्यवस्था चल रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “8 मार्च 2019 की एक अखबार की रिपोर्ट के अनुसार-इसमें पंजाब की कांग्रेस सरकार, किसानों और एक मल्टीनेशनल कंपनी के बीच 800 करोड़ रुपए के फार्मिग एग्रीमेंट का जश्न मना रही है। पंजाब के किसान की खेती में ज्यादा निवेश हो, ये हमारी सरकार के लिए खुशी की ही बात है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि फार्मिग एग्रीमेंट में सिर्फ फसलों या उपज का समझौता होता है। जमीन किसान के ही पास रहती है, एग्रीमेंट और जमीन का कोई लेना-देना ही नहीं है। प्राकृतिक आपदा आ जाए, तो भी किसान को पूरे पैसे मिलते हैं।
उन्होंने कहा, “नए कानूनों के अनुसार, अगर अचानक मुनाफा बढ़ जाता है, तो उस बढ़े हुए मुनाफे में भी किसान की हिस्सेदारी सुनिश्चित की गई है। मुझे खुशी है कि देशभर में किसानों ने नए कृषि सुधारों को न सिर्फ गले लगाया है बल्कि भ्रम फैलाने वालों को भी सिरे से नकार रहे हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने 25 दिसंबर को अटल जयंती पर फिर से किसानों के मसले पर विस्तार से बात करने की जानकारी दी। उन्होंने कहा, “मेरी बातों के बाद भी, सरकार के इन प्रयासों के बाद भी, अगर किसी को कोई आशंका है तो हम सिर झुकाकर, हाथ जोड़कर, बहुत ही विनम्रता के साथ, देश के किसान के हित में, उनकी चिंता का निराकरण करने के लिए, हर मुद्दे पर बात करने के लिए तैयार हैं। अभी 25 दिसंबर को, अटल जी की जन्मजयंती पर एक बार फिर मैं इस विषय पर और विस्तार से बात करूंगा।”
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछली सरकारों के दौरान किसानों की बदहाली का जिक्र करते हुए कहा, “राजनीति के लिए किसानों का उपयोग करने वाले लोगों ने किसान के साथ क्या बर्ताव किया, इसका एक और उदाहरण है, दलहन की खेती। 2014 के समय को याद कीजिए, किस प्रकार देश में दालों का संकट था। देश में मचे हाहाकार के बीच दाल विदेशों से मंगाई जाती थी।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज दाल के किसान को भी ज्यादा पैसा मिल रहा है, दाल की कीमतें भी कम हुई हैं, जिससे गरीब को सीधा फायदा हुआ है। जो लोग किसानों को न एमएसपी दे सके, न एमएसपी पर ढंग से खरीद सके, वो एमएसपी पर किसानों को गुमराह कर रहे हैं।