'एक जिला उत्पाद' (ओडीओपी)

ओडीओपी उत्पादों को ब्रांड बनाना होगा : प्रो. नंदिता सिंह

गोरखपुर, 12 दिसंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)- उत्तर प्रदेश के गोरखपुर विश्वविद्यालय के कला संकाय की अधिष्ठाता प्रो. नंदिता सिंह ने कहा कि प्रदेश में ‘एक जिला उत्पाद’ (ओडीओपी) की संभावनाएं असीम हैं। जरूरत इस बात की है कि संबंधित जिलों के प्रमुख जगहों पर इनके निशुल्क डिसप्ले की व्यवस्था की जाए। जमाना ब्रांड का है, हमें अपने ओडीओपी उत्पादों को ब्रांड बनाना होगा।

प्रो. नंदिता शनिवार को पूर्वाचल के सतत विकास पर गोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार व संगोष्ठी में उद्यमियों के विशेष सम्मलेन की अध्यक्षता कर रही थीं। उन्होंने पूर्वाचल में टेक्सटाइल और खाद्य प्रसंस्करण की संभावनाओं का भी जिक्र किया। साथ ही कहा कि इंडस्ट्री, उत्पादन करने वाले और शिक्षण संस्थानों में समन्वय स्थापित करना होगा। कहा कि इनसे जुड़े शिल्पकारों को तकनीकी रूप से प्रशिक्षण के जरिये अपग्रेड किया जाए। उत्पादन की क्षमता और उत्पाद की गुणवत्ता सुधारने के लिए जरूरी पूंजी और बाजार से लिंकेज भी जरूरी है।

चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विष्णु अजीत सरिया ने कहा कि पूर्वाचल की आबादी 10 करोड़ है। आबादी के अनुरूप उद्योग नहीं है। बिना उद्योग के विकास की परिकल्पना साकार नहीं हो सकती। खाद्य प्रसंस्करण और वस्त्र उद्योग, खासकर रेडीमेड गारमेंट्स के क्षेत्र में संभावनाएं तलाशने की जरूरत है। रेडीमेड गारमेंट्स का कारोबार कम पूंजी और फ्लैटेड भवन में संभव है। इससे जमीन की कम जरूरत होगी।

चैंबर के पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल ने कहा कि पूर्वाचल के विकास को लेकर इस मंथन के सुझाव को जमीन पर उतारने की जरूरत है। यहां ड्राई पोर्ट, टेस्टिंग लैब, राप्ती पर दूसरा पुल और पूर्वाचल लिंक एक्सप्रेसवे से लगे औद्योगिक गलियारे में टेक्सटाइल सिटी बसाने की जरूरत है।

उपायुक्त (उद्योग) आरके शर्मा ने नई निवेश नीतियों और पूर्वाचल की क्षमताओं के बारे में जानकारी दी। कोलकाता के उद्यमी विजय ने सरकार की निवेश फ्रेंडली नीतियों और इज ऑफ डूइंग में लंबी छलांग का जिक्र किया। उद्यमी अहसान करीम ने जमीन और बिजली की महंगी दरों की ओर शासन का ध्यान आकृष्ट किया।

उन्होंने कहा, “हमारे निवेश का 50 फीसदी हिस्सा जमीन खरीदने में चला जाता है, जिसका असर अपग्रेडेशन पर पड़ता है। इसके नाते उत्पादन की क्षमता और गुणवत्ता दोनों प्रभावित होते हैं और प्रतिस्पर्धा में हम पिछड़ जाते हैं।”

कार्यक्रम में पूर्वाचल विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह, मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार डॉ. केवी राजू, प्रो. अनुभूति दुबे और प्रवीण मोदी आदि उपस्थित रहे।

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