बेंगलुरु, 12 जुलाई (युआईटीवी/आईएएनएस)- ओला इलेक्ट्रिक ने मंगलवार को स्वदेश में विकसित लिथियम-आयन सेल-एनएमसी 2170 का अनावरण किया और कंपनी 2023 तक अपनी आगामी गीगाफैक्ट्री से बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन शुरू करेगी। अत्याधुनिक हाई निकेल बेलनाकार ओला सेल कैथोड साइड पर एनएमसी का उपयोग करता है और एनोड की तरफ ग्रेफाइट और सिलिकॉन का उपयोग होता है।
विशिष्ट रसायन और सामग्री (कैमिस्ट्री एंड मैटिरियल्स) का उपयोग सेल को किसी दिए गए स्थान में अधिक ऊर्जा पैक करने में सक्षम बनाता है और सेल के समग्र जीवन चक्र (लाइफ सायकल) में भी सुधार करता है। सेल को स्वदेशी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है।
ओला इलेक्ट्रिक के संस्थापक और सीईओ भाविश अग्रवाल ने एक बयान में कहा, “एक सेल ईवी क्रांति का दिल है। ओला दुनिया के सबसे उन्नत सेल अनुसंधान केंद्र का निर्माण कर रही है, जो हमें तेजी से स्केल और नवाचार करने और दुनिया में सबसे उन्नत और किफायती ईवी उत्पादों को गति के साथ बनाने में सक्षम बनाएगी।”
अग्रवाल ने कहा, “हमारी स्वदेशी रूप से निर्मित ली-आयन सेल भी हमारे प्रौद्योगिकी रोडमैप में कई में से पहली है। भारत के लिए वैश्विक ईवी हब बनने के लिए एक मजबूत स्थानीय ईवी पारिस्थितिकी तंत्र होना महत्वपूर्ण है।”
कंपनी ने कहा कि वह स्वदेशी उन्नत सेल प्रौद्योगिकियों को बनाने, विनिर्माण क्षमताओं को मजबूत करने और एक एकीकृत ओला इलेक्ट्रिक वाहन केंद्र बनाने के लिए मुख्य अनुसंधान और विकास में निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसे हाल ही में भारत सरकार द्वारा एसीसी पीएलआई योजना के तहत भारत में उन्नत सेल विकसित करने के लिए 20 गीगावॉट प्रति घंटा (जीडब्ल्यूएच) क्षमता आवंटित की गई थी और 20 जीडब्ल्यूएच तक की प्रारंभिक क्षमता के साथ एक अत्याधुनिक सेल निर्माण सुविधा स्थापित की जा रही है, जो ईवी मूल्य श्रृंखला के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से का स्थानीयकरण करती है।
कंपनी दुनिया भर में शीर्ष सेल अनुसंधान एवं विकास (रिसर्च एंड डेवलपमेंट) प्रतिभा की भी भर्ती कर रही है और यह 500 पीएचडी और इंजीनियरों को रोजगार देगी।