नई दिल्ली, 14 सितंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)| दिल्ली पुलिस ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत पूर्वोत्तर दिल्ली हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया है। गौरतलब है कि इस साल फरवरी में यह हिंसा हुई थी जिसमें 53 लोगों की मौत हुई थी। खालिद पर पहले से ही गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत जामिया के छात्र और राजद के युवा विंग के अध्यक्ष मीरान हैदर, जेसीसी मीडिया कॉर्डिनेटर सफूरा जरगर और पूर्वोत्तर दिल्ली के भजनपुरा निवासी दानिश के साथ मामला दर्ज किया गया था।
वहीं उमर खालिद के पिता सईद कासिम रसूल इलियास ने कहा, “मेरे बेटे उमर खालिद को बीती रात 11 बजे यूएपीए के तहत दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस उससे कल दोपहर 1 बजे से पूछताछ कर रही है। उसे दिल्ली के हिंसा मामले में फंसाया गया है।”
खालिद को शनिवार और रविवार को तलब किया गया था। उसे करीब 10 घंटे तक पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया और सोमवार को दिल्ली की अदालत में पेश किया जाएगा।
इससे पहले 2 सितंबर को पूर्वोत्तर दिल्ली हिंसा मामले में पूछताछ के लिए खालिद को क्राइम ब्रांच ने भी बुलाया था। पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया।
उमर खालिद की गिरफ्तारी से पहले दिल्ली पुलिस ने रविवार को एक बयान जारी किया था, जिसमें उन लोगों से पूछताछ करने का जिक्र किया गया था, जो पूर्वोत्तर दिल्ली हिंसा की जांच के दौरान संदेह के घेरे में हैं।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि कई तरह के समूह पूर्वोत्तर दिल्ली दंगा मामलों की जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों और अन्य ऑनलाइन पोर्टलों का उपयोग कर रहे हैं।
इससे पहले सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर, गुजरात और पंजाब के पूर्व डीजीपी और रोमानिया में पूर्व भारतीय राजदूत जूलियो रिबेरो ने दिल्ली पुलिस कमिशनर एस एन श्रीवास्तव को पत्र लिखकर पूर्वोत्तर दिल्ली हिंसा मामले की जांच को लेकर सवाल उठाए।