कैंसर

स्तन कैंसर के मरीजों के परिणामों में सुधार के लिए कीमोथेरेपी संग इम्यूनोथेरेपी दवा दी जाए : शोध

सिडनी,23 जनवरी (युआईटीवी)- स्तन कैंसर के सबसे सामान्य प्रकार के उपचार में ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है,जो इलाज के परिणामों को बेहतर बनाने की संभावना को उजागर करती है। मेलबर्न के पीटर मैककैलम कैंसर सेंटर (पीटर मैक) द्वारा आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय क्लिनिकल ट्रायल में यह पाया गया कि स्तन कैंसर के मरीजों को सर्जरी से पहले कीमोथेरेपी के साथ इम्यूनोथेरेपी दवा निवोलुमैब दिए जाने से उपचार के परिणामों में महत्वपूर्ण सुधार हो सकता है।

इस अध्ययन का उद्देश्य उन मरीजों के उपचार में सुधार लाना था,जो ईआर प्लस/एचईआर2- प्रकार के स्तन कैंसर से पीड़ित थे,जो स्तन कैंसर के सबसे सामान्य रूपों में से एक है। यह प्रकार दुनिया भर में स्तन कैंसर के लगभग 70 प्रतिशत मामलों में पाया जाता है। पीटर मैक की वेबसाइट पर प्रकाशित प्रेस रिलीज के अनुसार,इस परीक्षण में 510 मरीजों को शामिल किया गया था। इन मरीजों को सर्जरी से पहले कीमोथेरेपी दी गई,ताकि उनके ट्यूमर को सिकोड़ने में मदद मिल सके।

शोधकर्ताओं ने यह मूल्यांकन किया कि अगर सर्जरी से पहले मरीजों को निवोलुमैब या प्लेसबो के इंफ्यूजन के साथ इलाज किया जाता है,तो क्या इससे उपचार के परिणामों पर कोई प्रभाव पड़ता है। परीक्षण में यह देखा गया कि जिन मरीजों को निवोलुमैब दिया गया,उनमें से 25 प्रतिशत के सर्जरी के बाद कैंसर के कोई लक्षण नहीं मिले। वहीं,प्लेसबो समूह में यह आँकड़ा केवल 14 प्रतिशत था।

पीटर मैक के मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट और इस परीक्षण के प्रमुख शोधकर्ता शेरेन लोई ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, “इन रोगियों के ठीक होने की संभावना अधिक है क्योंकि उनके ट्यूमर को सफलतापूर्वक हटा दिया गया और स्तन तथा लिम्फ नोड ऊतक के नमूनों में भी कैंसर कोशिकाएँ नहीं मिलीं।” यह परिणाम इस बात का संकेत हैं कि निवोलुमैब, जो एक इम्यूनोथेरेपी दवा है,कैंसर कोशिकाओं के खिलाफ शरीर की इम्यून प्रतिक्रिया को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है और इस प्रकार कैंसर के इलाज में महत्वपूर्ण सुधार कर सकता है।

यह अध्ययन स्तन कैंसर के इलाज में एक नई दिशा को जन्म देता है और भविष्य में इस तरह के उपचारों से स्वस्थ होने की दर में सुधार की उम्मीद जताई जाती है। यह परीक्षण उन महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है,जिनका कैंसर ईआर प्लस/एचईआर2- प्रकार का है,क्योंकि यह प्रकार काफी सामान्य है और इसके उपचार में नए दृष्टिकोण की आवश्यकता महसूस की जा रही थी।

हाल ही में, रूस ने भी कैंसर के इलाज के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खोज की घोषणा की थी,जिसमें कैंसर मरीजों के इलाज के लिए एक मआरएनए-आधारित वैक्सीन बनाई गई है। यह वैक्सीन कथित तौर पर बहुत प्रभावी साबित हो सकती है और इसे जल्द ही लॉन्च किया जाएगा। रिपोर्ट्स के अनुसार,इस वैक्सीीन को रूस में नागरिकों को मुफ्त में वितरित किया जाएगा। यह कदम कैंसर के इलाज के क्षेत्र में एक और नवाचार को दर्शाता है,जो भविष्य में दुनिया भर में कैंसर के इलाज में मददगार साबित हो सकता है।

हालाँकि,ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस इम्यूनोथेरेपी दवा निवोलुमैब के उपयोग से होने वाले सुधार को देखकर यह कहा जा सकता है कि आने वाले वर्षों में कैंसर के इलाज के तरीके और अधिक प्रभावी हो सकते हैं। यह अध्ययन न केवल ऑस्ट्रेलियाई कैंसर मरीजों के लिए बल्कि दुनियाभर के स्तन कैंसर मरीजों के लिए एक सकारात्मक कदम साबित हो सकता है।

यह शोध और इसके परिणाम यह स्पष्ट करते हैं कि कैंसर के इलाज में लगातार नई खोजों और उपचार विधियों की आवश्यकता है,ताकि मरीजों के स्वस्थ होने की दर को और अधिक बेहतर बनाया जा सके। आने वाले समय में ऐसी कई खोजें हो सकती हैं,जो कैंसर के इलाज को और भी आसान और प्रभावी बनाएँगी,जिससे लाखों जीवन बचाए जा सकते हैं।