नई दिल्ली, 8 अगस्त (युआईटीवी/आईएएनएस)- भारतीय तटरक्षक बल के डोर्नियर समुद्री निगरानी विमान ने पाकिस्तानी नौसेना के एक युद्धपोत का पता लगाया और उसे पीछे हटने के लिए मजबूर किया। बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी युद्धपोत गुजरात के तट से समुद्री सीमा रेखा को पार कर भारतीय जलक्षेत्र में प्रवेश कर रहा था। सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई जुलाई के पहले पखवाड़े में मानसून के चरम पर होने के समय हुई। इस समय समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही थीं। इसी दौरान पाकिस्तान नौसेना का जहाज (पीएनएस) आलमगीर अपनी तरफ से दोनों देशों के बीच समुद्री सीमा रेखा के पार भारतीय जल में चला गया था।
भारतीय जल सीमा में प्रवेश करने के बाद, इसका पता सबसे पहले एक भारतीय तटरक्षक डोर्नियर विमान ने लगाया। डॉर्नियर आसपास के एक हवाई अड्डे से समुद्री निगरानी के लिए रवाना हुआ था।
भारतीय एजेंसियां समुद्री सीमा कानूनों को लेकर बहुत सख्त हैं। यहां भारतीय एजेंसियां अपने मछुआरों को अपनी तरफ से पांच समुद्री मील के भीतर किसी भी तरह की गतिविधियों की अनुमति नहीं देती हैं।
पाकिस्तानी युद्धपोत का पता लगाने के बाद, डोर्नियर ने अपने कमांड सेंटर को भारतीय जलक्षेत्र में अपनी मौजूदगी के बारे में सूचित किया और उस पर नजर रखना जारी रखा।
सूत्रों के अनुसार, डोर्नियर ने पाकिस्तानी युद्धपोत को उसके स्थान के बारे में चेतावनी जारी की और उसे अपने क्षेत्र में लौटने के लिए कहा, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया।
सूत्रों ने आगे कहा कि डोर्नियर पीएनएस आलमगीर के ऊपर मंडराता रहा। यहां तक कि उसकी मंशा जानने के लिए उसे अपने रेडियो संचार सेट पर कॉल करने की कोशिश भी की लेकिन पाकिस्तानी कप्तान ने पूरी तरह चुप्पी बनाए रखने का फैसला किया और कोई जवाब नहीं दिया।
भारतीय तटरक्षक बल और भारतीय वायु सेना गुजरात तट पर किसी भी दुस्साहस को रोकने के लिए बहुत सक्रिय है। इस इलाके में हाल के दिनों में पाकिस्तानी गतिविधियां विशेष रूप से नार्को-आतंकवाद में बढ़ी हैं।
भारतीय तटरक्षक बल ने हाल ही में द्वारका के पास निर्जन द्वीपों और किसी भी संभावित राष्ट्र-विरोधी तत्वों के अन्य तटीय स्थानों को साफ करने के लिए ऑपरेशन आइलैंड वॉच भी चलाया था। भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक वी.एस. पठानिया ने भी हाल ही में पोरबंदर क्षेत्र का दौरा किया था। उन्होंने वहां अपनी संरचनाओं की तैयारियों की समीक्षा की थी। तटरक्षक बल के होवरक्राफ्ट भी क्षेत्र में तैनात हैं। जल सीमा में मुस्तैदी से निगरानी होती है।