सुप्रीम कोर्ट

पालघर लिंचिंग : सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस से नई चार्जशीट पेश करने को कहा

नई दिल्ली, 24 फरवरी (युआईटीवी/आईएएनएस)- सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र पुलिस को पिछले साल अप्रैल में पालघर में दो साधुओं और एक अन्य व्यक्ति की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में दूसरी पूरक चार्जशीट पेश करने को कहा। महाराष्ट्र सरकार के वकील ने न्यायाधीश अशोक भूषण और आर. एस. रेड्डी की पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि मामले में दूसरी पूरक चार्जशीट (आरोप पत्र) दायर की गई है। पीठ ने निर्देश दिया कि हालिया चार्जशीट को रिकॉर्ड पर लाया जाए। इसके साथ ही अदालत ने इस मामले को दो सप्ताह के बाद आगे की सुनवाई के लिए निर्धारित करने का फैसला किया।

पिछले साल अक्टूबर में, महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि उसने मामले में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की है।

राज्य सरकार के वकील ने प्रस्तुत किया कि राज्य द्वारा की गई कार्रवाई को अदालत के समक्ष रिकॉर्ड पर रखा गया है और पिछले महीने दायर हलफनामे का हवाला दिया गया है।

हलफनामे में, महाराष्ट्र ने शीर्ष अदालत को बताया था कि 18 कर्मियों के खिलाफ सेवा से बर्खास्तगी से लेकर वेतन कटौती तक की कार्रवाई की गई है।

राज्य सरकार के वकील ने पीठ को सूचित किया कि मामले में एक आरोप पत्र दायर किया गया है और पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है।

हलफनामे में महाराष्ट्र पुलिस ने कहा कि 18 पुलिसकर्मियों को विभिन्न प्रकार से दंडित किया गया है और उनमें से कुछ को सेवा से बर्खास्त भी किया गया है। इसके अलावा उनमें से कुछ को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है।

हलफनामे में कहा गया है, “पुलिस कर्मियों ने कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया है। कारण बताओ नोटिस पर उनके जवाबों पर विचार करने और उनकी सुनवाई करने के बाद, पुलिस महानिरीक्षक, कोंकण रेंज ने 21 अगस्त को अंतिम आदेश जारी किए हैं, जिसमें दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ सजा का प्रावधान है।”

बता दें कि 16 अप्रैल 2020 की रात सुशीलगिरी महाराज (35) और कल्पवृक्ष गिरी महाराज (70) और नीलेश तेलगड़े (30) नामक ड्राइवर के साथ कोरोना के कारण राष्ट्रव्यापी बंद के बीच एक कार में सवार होकर मुंबई के कांदिवली से गुजरात के सूरत में एक अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए जा रहे थे। इस बीच पालघर के पास एक गांव में भीड़ ने पुलिस टीम की मौजूदगी में उन पर हमला किया और बेहद ही बर्बरता के साथ उनकी हत्या कर दी थी।

इसके बाद अधिवक्ता शशांक शेखर झा द्वारा मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए एक जनहित याचिका दायर की गई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *