नई दिल्ली, 7 जून (युआईटीवी/आईएएनएस)- दिल्ली में अर्बन फार्मिग को लेकर काम किया जा रहा है। इससे न केवल हरित क्षेत्र बढ़ेगा, बल्कि लोगों को रोजगार भी मिलेगा। साथ ही दिल्ली के 10,000 पार्को को वल्र्ड क्लास स्तर पर विकसित करने के लिए दिल्ली सरकार ने ‘ग्रीन पार्क ग्रीन दिल्ली’ की थीम महाअभियान की शुरुआत की हैं। 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर दिल्ली में वायु और ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ‘रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ’ की पॉलिसी और दिल्ली को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त शहर बनाने पर जोर दिया गया।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में हरित उत्सव का शुभारंभ किया। हरित उत्सव में दिल्ली के विभिन्न स्कूलों से करीबन 2500 बच्चों ने अपनी भागीदारी दर्ज कराई। दिल्ली की प्रदूषण की समस्या और पर्यावरण सुधार के बारें में बच्चों को अवगत कराने के लिए इस हरित उत्सव का आयोजन किया गया।
हरित उत्सव में पर्यावरण मंत्री राय ने दिल्ली के लिए ग्रीन एक्शन प्लान को लॉन्च किया गया। कार्यक्रम में मौजूद सभी बच्चों ने 10 महत्वपूर्ण शपथ ली और दिल्ली के 20 बेस्ट इको क्लबों को पुरस्कृत भी किया गया। साथ ही विभाग द्वारा फ्री औषधीय पौधे भी बांटे गए।
पर्यावरण मंत्री ने बताया दिल्ली में चल रहे पौधरोपण अभियान के फलस्वरूप जहां साल 2013 में हरित क्षेत्र 20 फीसद था, वह 2021 में बढ़कर 23.06 फीसदी हो गया है। साथ ही शहरों के प्रति व्यक्ति फॉरेस्ट कवर के मामले में दिल्ली पूरे देश में नंबर वन हो गया है।
दिल्ली के ग्रीन एक्शन प्लान के तहत सरकार ने इस साल 35 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया है। इस मेगा पौधरोपण अभियान की शुरुआत जुलाई महीने से की जाएगी। इस अभियान के तहत लगभग 7 लाख पौधों का मुफ्त वितरण भी किया जाएगा।
इसके साथ ही दिल्ली में पिछले वर्ष लगाए गए पौधों की जीवित रहने की दर की जांच करने के लिए सभी संबंधित विभागों का थर्ड पार्टी ऑडिट किया जाएगा, ताकि राज्य में पौधरोपण कार्य की बेहतर पारदर्शिता और निगरानी सुनिश्चित की जा सके।
हरित उत्सव के दौरान पर्यावरण मंत्री राय के साथ-साथ दिल्ली के विभिन्न स्कूलों के बच्चों और अध्यापको ने उपस्थित सभी अधिकारियों के साथ दिल्ली के पर्यावरण को बचाने और बेहतर बनाने के लिए 10 महत्वपूर्ण शपथ ली। शपथ के अनुसार, सभी स्कूटर, बाइक या कार की जगह बस और मेट्रो जैसे सार्वजनिक परिवहन माध्यमों का उपयोग करेंगे, सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी चीजो का इस्तेमाल नहीं करेंगे, घर से निकलने वाले हर रोज के कूड़े-कचरे को गीले और सूखे कचरे के अनुसार अलग-अलग करेंगे।