प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानी शकुंतला चौधरी के निधन पर शोक व्यक्त किया

नई दिल्ली, 21 फरवरी (युआईटीवी/आईएएनएस)| स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक कार्यकर्ता शकुंतला चौधरी का 102 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने लिखा, “शकुंतला चौधरी जी को गांधीवादी मूल्यों को बढ़ावा देने के उनके आजीवन प्रयासों के लिए याद किया जाएगा। सरानिया आश्रम में उनके नेक काम ने कई लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया। उनके निधन से दुखी हूं। मेरे विचार उनके परिवार और अनगिनत प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।”

गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता और स्वतंत्रता सेनानी शकुंतला चौधरी असम के कामरूप जिले की रहने वाली थीं और अपनी सामाजिक सेवा, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के लिए जानी जाती थीं। वह लोकप्रिय रूप से ‘शकुंतला बाइदेव’ के नाम से जानी जाती थीं।

उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट किया कि “अनुभवी गांधीवादी और पद्म श्री शकुंतला चौधरी के निधन पर गहरा दुख हुआ। उनका जीवन सरनिया आश्रम, गुवाहाटी में निस्वार्थ सेवा, सच्चाई, सादगी और अहिंसा के लिए समर्पित था, जहां महात्मा गांधी 1946 में ठहरे थे। उनकी सद्गति के लिए मेरी प्रार्थना, ओम शांति!”

उनका जन्म साल 1920 में हुआ था। वह मुख्य रूप से कस्तूरबा ट्रस्ट से जुड़ी थीं। उन्होंने पूर्वोत्तर में विशेष रूप से नगालैंड, मिजोरम और मेघालय में महात्मा गांधी के आदशरे को पहुंचाया और उन्होंने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा कस्तूरबा आश्रम में बिताया है।

शकुंतला चौधरी आचार्य विनोबा भावे के साथ भी निकटता से जुड़ी हुई थीं और उन्होंने भूदान आंदोलन के दौरान डेढ़ साल की लंबी पदयात्रा में भाग लिया था।

महात्मा गांधी की पूर्वोत्तर यात्रा के दौरान वह एक दुभाषिया के रूप में काम करती थीं और गांधीजी को अपना संदेश असमिया में लोगों तक पहुंचाने में मदद करती थीं।

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