नई दिल्ली,10 फरवरी (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर फ्रांस के लिए रवाना होंगे। इस यात्रा के दौरान,वे फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के साथ मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एक्शन समिट 2025 के तीसरे संस्करण की सह-अध्यक्षता करेंगे,जो 11 फरवरी को पेरिस के ग्रैंड पैलेस में आयोजित होगा। इस समिट का उद्देश्य एआई की चुनौतियों और उसके संभावित खतरों पर वैश्विक स्तर पर चर्चा करना है। इस प्रकार का समिट ब्रिटेन में 2023 में और साउथ कोरिया में 2024 में आयोजित हुआ था।
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा में एक अहम कार्यक्रम 11 फरवरी को होने वाला एआई एक्शन समिट है। इस समिट में दुनिया भर के नेताओं और विशेषज्ञों का जमावड़ा होगा, जहाँ वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे। यह समिट एआई के जिम्मेदार और नैतिक उपयोग पर विशेष जोर देगा,ताकि इस तकनीक के प्रयोग से होने वाले संभावित खतरों से बचाव किया जा सके। समिट में यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जाएगी कि एआई का उपयोग समाज के हित में हो और इसका इस्तेमाल केवल सकारात्मक दिशा में हो।
समिट के बाद,प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों एक और महत्वपूर्ण कार्यक्रम भारत-फ्रांस सीईओ फोरम में हिस्सा लेंगे। इसमें दोनों देशों के प्रमुख उद्योगपति और व्यापारिक नेता शामिल होंगे और यहाँ दोनों नेता व्यापार,प्रौद्योगिकी और आर्थिक साझेदारी को लेकर महत्वपूर्ण चर्चाएँ करेंगे। यह कार्यक्रम दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का एक और महत्वपूर्ण कार्यक्रम फ्रांस सरकार द्वारा 10 फरवरी को आयोजित वीवीआईपी रात्रिभोज है,जो एलिसी पैलेस में होगा। इस रात्रिभोज में राष्ट्रपति मैक्रों के अलावा विभिन्न देशों के प्रमुख नेता भी शामिल होंगे। इस भोज में टेक उद्योग के शीर्ष सीईओ और प्रतिष्ठित अतिथि भी शामिल होंगे,जो द्विपक्षीय व्यापार और सहयोग बढ़ाने के लिए अहम भूमिका निभा सकते हैं। यह रात्रिभोज दोनों देशों के नेताओं के बीच व्यक्तिगत संबंधों को मजबूत करने का एक अवसर भी होगा।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस यात्रा के महत्व के बारे में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक साझेदारी का यह एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि समिट का मुख्य उद्देश्य एआई प्रौद्योगिकी के भविष्य पर चर्चा करना है,ताकि इसका उपयोग वैश्विक अर्थव्यवस्था को सकारात्मक दिशा में प्रभावित कर सके। इसके अलावा,पीएम मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण चर्चा होगी।
12 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों मिलकर प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इस दौरान वे उन सैनिकों की वीरता और बलिदान को याद करेंगे,जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। इसके बाद,मार्सेय में भारत के नए महावाणिज्य दूतावास का उद्घाटन भी होगा,जो दोनों देशों के बीच मजबूत कूटनीतिक और व्यापारिक संबंधों की ओर एक और कदम होगा।
इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों के बीच कई उच्च स्तरीय द्विपक्षीय वार्तााएँ भी होंगी। इन वार्ताओं में रणनीतिक साझेदारी,रक्षा सहयोग और व्यापारिक रिश्तों को और मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके अलावा,दोनों नेताओं के बीच फ्रांस और भारत के बीच विज्ञान,प्रौद्योगिकी और रक्षा क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भी चर्चा होगी।
प्रधानमंत्री मोदी की फ्रांस यात्रा का समापन कैडारैचे की यात्रा से होगा,जो अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर (आईटीईआर) का प्रमुख केंद्र है। भारत इस परियोजना का एक महत्वपूर्ण भागीदार है और इस यात्रा का उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी में दोनों देशों के सहयोग को आगे बढ़ाना है।
फ्रांस की यात्रा के बाद,प्रधानमंत्री मोदी 12-13 फरवरी को अमेरिका की यात्रा करेंगे, जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निमंत्रण पर होगी। यह यात्रा ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के उद्घाटन के बाद उनकी पहली यात्रा होगी और इसमें दोनों देशों के बीच आपसी हितों से जुड़े कई मुद्दों पर वार्ता होगी। यह यात्रा भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर साबित होगी।
इस प्रकार,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा न केवल भारत और फ्रांस के द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करने के लिए महत्वपूर्ण है,बल्कि यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।