प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इमैनुएल मैक्रों (तस्वीर क्रेडिट@MEAIndia)

पीएम मोदी और मैक्रों ने रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा की

रियो डी जेनेरियो,19 नवंबर (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय वार्ता हुई।इस द्विपक्षीय वार्ता के दौरान भारत-फ्रांस के बीच संबंधों को भारत की स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष 2047 तक और अधिक मजबूत करने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए विस्तृत चर्चा की गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हाल ही में रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत और फ्रांस के संबंधों को 2047 तक और मजबूत करना था। दोनों देशों ने ‘क्षितिज 2047 रोडमैप’ (होराइजन 2047 रोडमैप) के तहत सामरिक,आर्थिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।

प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मेरे मित्र राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मिलना हमेशा खुशी की बात होती है।” इस साल की शुरुआत में हुए ओलंपिक और पैरालंपिक की सफल मेजबानी के लिए उन्होंने मैक्रों को बधाई दी।

यह इस साल मोदी और मैक्रों की तीसरी मुलाकात थी। जनवरी में गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति मैक्रों की भारत यात्रा और जून में इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान भी दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई थी। इन बैठकों ने दोनों देशों के बीच बढ़ती मित्रता और सहयोग को और मजबूत किया है।

मैक्रों ने मोदी के नेतृत्व में भारत को एक उभरती हुई वैश्विक शक्ति के रूप में सराहा। उन्होंने कहा कि भारत आने वाले समय में वैश्विक मंच पर निर्णायक भूमिका निभाएगा।

बैठक के दौरान,दोनों नेताओं ने रणनीतिक क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा की। इनमें रक्षा, अंतरिक्ष,असैन्य परमाणु ऊर्जा,डिजिटल तकनीक,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), और व्यापार व निवेश शामिल हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और फ्रांस मिलकर भविष्य के क्षेत्रों,जैसे-अंतरिक्ष,ऊर्जा और एआई में काम करेंगे। दोनों देश आपसी संपर्क बढ़ाने और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना पर भी मिलकर काम कर रहे हैं।

दोनों देशों के नेताओं ने भारत की राष्ट्रीय संग्रहालय परियोजना पर हो रहे सहयोग की प्रगति की समीक्षा की। साथ ही,फ्रांस में आगामी एआई एक्शन समिट की मेजबानी के लिए राष्ट्रपति मैक्रों की पहल का स्वागत किया गया।

यूक्रेन संघर्ष और मध्य पूर्व की स्थिति पर भी गहन चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करने और बहुपक्षीय व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सहयोग करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

फ्रांस और भारत के बीच यह साझेदारी केवल द्विपक्षीय संबंधों तक सीमित नहीं है। यह बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग और वैश्विक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भी महत्वपूर्ण है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने एक स्थिर अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था बनाने और बहुपक्षीय मंचों में सुधार के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया।

भारत और फ्रांस के संबंध पिछले कुछ वर्षों में गहरे और व्यापक हुए हैं। ‘क्षितिज 2047 रोडमैप’ के जरिए इन रिश्तों को नई दिशा देने का प्रयास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों की इस साझेदारी से यह स्पष्ट है कि दोनों देश आने वाले दशकों में मिलकर वैश्विक चुनौतियों का सामना करने और एक स्थिर, समृद्ध भविष्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।