नई दिल्ली, 8 दिसम्बर (युआईटीवी/आईएएनएस)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले पांच वर्र्षो के दौरान 36 विदेशी दौरे किए, जिसका उद्देश्य विदेशों के साथ घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देना और क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर भारत की व्यस्तताओं को बढ़ावा देना है। गुरुवार को संसद में यह जानकारी दी गई है।
विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने एक लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया, “ऐसी यात्राएं एक महत्वपूर्ण साधन हैं जिसके द्वारा भारत अपने राष्ट्रीय हित को पूरा करता है और विदेश नीति के उद्देश्यों को लागू करता है। इन यात्राओं से उच्चतम स्तर पर विदेशी भागीदारों के बीच क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भारत के ²ष्टिकोण की समझ बढ़ी है। इन यात्राओं के दौरान हुई समझ ने भारत को भागीदार देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने और भारत के ²ष्टिकोण को आगे बढ़ाने और सुधारित बहुपक्षवाद, जलवायु परिवर्तन, अंतरराष्ट्रीय अपराध, आतंकवाद, साइबर सुरक्षा आदि जैसे वैश्विक मुद्दों पर वैश्विक एजेंडा को आकार देने में सक्षम बनाया है।”
जवाब में 36 यात्राओं में से प्रत्येक में प्रधानमंत्री के साथ जाने वाले प्रतिनिधिमंडलों की संरचना और उन यात्राओं पर किए गए खर्च का भी खुलासा किया गया है।
जवाब के मुताबिक, 21 से 28 सितंबर, 2019 तक प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा पर सबसे ज्यादा 23,27,09,000 रुपये खर्च किए गए। प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल सहित नौ सदस्य शामिल थे।
उत्तर के अनुसार, प्रधानमंत्री की बांग्लादेश (26-27 मार्च, 2021), अमेरिका (22-26 सितंबर, 2021), इटली और यूके (29 अक्टूबर से 2 नवंबर, 2021) की यात्राओं के कारण व्यय किया गया था, जो उन्हें गृह मंत्रालय के बजट मद से मिले थे।
जवाब के मुताबिक, 15 नवंबर, 2019 से 26 मार्च, 2021 के बीच पीएम का कोई विदेश दौरा नहीं हुआ था। इस दौरान भारत समेत कई देश कोविड-19 महामारी की चपेट में थे।