प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (तस्वीर क्रेडिट@yvjayadeepkumar)

पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘स्वामित्व योजना’ के तहत जमीन मालिकों को 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड वितरित करेंगे

नई दिल्ली,18 जनवरी (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वामित्व योजना के तहत संपत्ति मालिकों को लाखों संपत्ति कार्ड वितरित करेंगे। यह कार्यक्रम दोपहर लगभग 12:30 बजे शुरू होगा और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,पीएम मोदी 10 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 230 से अधिक जिलों के 50 हजार से अधिक गाँवों में संपत्ति मालिकों को स्वामित्व योजना के तहत 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड सौंपेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा था,देशभर के ग्रामीण इलाकों के मेरे भाई-बहनों को स्वामित्व योजना के तहत उनकी जमीन का मालिकाना हक मिले,इसके लिए हम प्रतिबद्ध हैं। इसी दिशा में शनिवार दोपहर लगभग 12:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संपत्ति मालिकों को लाखों संपत्ति कार्ड सौंपने का सौभाग्य मिलेगा।”

स्वामित्व योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी ने ग्रामीण इलाकों में रहने वाले परिवारों को संपत्ति का अधिकार देने के उद्देश्य से की थी। इस योजना में ड्रोन तकनीक का उपयोग करके ‘अधिकारों का रिकॉर्ड’ तैयार किया जाता है,जिससे ग्रामीण भारत की आर्थिक प्रगति को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। योजना का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्तियों के मुद्रीकरण,बैंक ऋण के लिए संस्थागत ऋण को सुलभ बनाना,संपत्ति विवादों को कम करना और संपत्ति कर का बेहतर आकलन करना है।

स्वामित्व योजना के अंतर्गत अब तक 3.17 लाख से अधिक गाँवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा किया जा चुका है, जिसमें लक्षित गाँवों का 92 प्रतिशत हिस्सा शामिल है। इससे अब तक 1.53 लाख से अधिक गाँवों के लिए लगभग 2.25 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार किए जा चुके हैं। इस योजना ने कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सफलता के नए मापदंड स्थापित किए हैं। पुडुचेरी,अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह,त्रिपुरा,गोवा, उत्तराखंड और हरियाणा जैसे राज्यों में इस योजना के तहत पूर्ण संतृप्ति प्राप्त की जा चुकी है। इसके अलावा,मध्य प्रदेश,उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई क्षेत्रों में भी ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है।

स्वामित्व योजना का उद्देश्य केवल संपत्तियों की पहचान और उन्हें कानूनी मान्यता देना नहीं है,बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने,वित्तीय संस्थानों के लिए ऋण को अधिक सुलभ बनाने और ग्रामीण भारत में संपत्ति के सही आकलन को सुनिश्चित करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से सरकार का उद्देश्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग अपनी संपत्तियों को वैध रूप से पहचानें और उनका इस्तेमाल बैंकिंग प्रणाली से ऋण प्राप्त करने के लिए कर सकें।

स्वामित्व योजना न केवल ग्रामीण विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है,बल्कि यह ग्रामीण भारतीयों के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें अधिकारों के प्रति जागरूक करने का एक प्रभावी तरीका भी बन चुकी है। पीएम मोदी का यह प्रयास ग्रामीण इलाकों के विकास में मील का पत्थर साबित हो सकता है।