नई दिल्ली,27 जुलाई (युआईटीवी)- राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केन्द्र में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की अहम बैठक हो रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई अन्य बड़े नेता इस बैठक में पहुँच चुके हैं। बैठक का मुख्य लक्ष्य भारत को साल 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना है। इस बैठक में शामिल होने के लिए शुक्रवार की देर रात को ही भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री राष्ट्रीय राजधानी पहुँचे।
वहीं इंडिया गठबंधन के नेताओं ने पहले ही नीति आयोग की अहम बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला कर लिया था। तमिलनाडु,केरल,कर्नाटक,हिमाचल प्रदेश,पंजाब,तेलंगाना और झारखंड के मुख्यमंत्रियों ने इस बैठक का बहिष्कार किया है। बजट आवंटन का हवाला देते हुए इंडिया गठबंधन के नेताओं ने नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला लिया। इन नेताओं ने बजट आवंटन को लेकर नाराजगी जताई है।
तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने पर बयान दिया कि केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा पेश किया गया बजट भाजपा का बहिष्कार करने वाले राज्यों और लोगों के खिलाफ एक बदले की कार्रवाई की तरह लग रहा है। इंडिया ब्लॉक को वोट देने वालों से बदला लेने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट तैयार किया है। केंद्र की भाजपा सरकार लगातार तमिलनाडु की उपेक्षा कर रही है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने नीति आयोग की बैठक पर कहा कि लगभग यह तय हो चुका है कि नीति आयोग की बैठक में इंडिया गठबंधन के मुख्यमंत्री नहीं जाएँगे। अरविंद केजरीवाल जेल में हैं, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने पहले ही नीति आयोग की बैठक शामिल नहीं होने का निर्णय ले लिया था,तेलंगाना के मुख्यमंत्री तथा अन्य मुख्यमंत्री भी इस बैठक में शामिल नहीं होना चाहते थे क्योंकि उनका मानना है कि देश के विकास के साथ नीति आयोग तालमेल नहीं बना रहा है।
तमिलनाडु में डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा दक्षिणी राज्यों, खासकर तमिलनाडु को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। हम मेट्रो के दूसरे चरण के लिए पिछले 3 सालों से फंड की माँग कर रहे हैं,लेकिन अभी तक इस परियोजना के लिए एक भी रुपया नहीं दिया गया है।आंध्र प्रदेश को 16,000 करोड़ रुपये नई राजधानी के लिए मिल रहे हैं,जबकि 35,000 करोड़ रुपये बिहार को बाढ़ राहत के नाम पर दिए जा रहे हैं।
बैठक का मुख्य लक्ष्य भारत को साल 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना है। इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं करेंगे। गवर्निंग काउंसिल की बैठक में विकसित भारत-2047 पर विजन डॉक्यूमेंट के लिए दृष्टिकोण पत्र पर चर्चा की जाएगी।