मुंबई,7 फरवरी (युआईटीवी)- पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड पर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और कोर निवेश कंपनियों के लिए तरलता जोखिम प्रबंधन ढाँचे से संबंधित मानदंडों के उल्लंघन के कारण भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 8.80 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
कंपनी का वैधानिक निरीक्षण आरबीआई द्वारा किया गया। इस निरीक्षण तथा अन्य बातों के अलावा जानकारी मिली कि उच्च गुणवत्ता के रूप में अपात्र संपत्तियों को कंपनी ने शामिल किया,जिसके कारण 60 प्रतिशत की निर्धारित तरलता कवरेज अनुपात (एलसीआर) को 31 मार्च, 2022 तक कंपनी ने नहीं बनाए रखा था।
नतीजतन,एक कारण बताओ नोटिस कंपनी को जारी किया गया है,जिसके तहत सलाह दी गई कि आरबीआई ने जो निर्देश दिए थे,कंपनी ने उसका पालन नहीं किया है,तो कंपनी पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए।
कंपनी ने कारण बताओ नोटिस पर अपना जवाब दिया,उसके अलावा कुछ अतिरिक्त प्रस्तुति भी दिया गया। आरबीआई ने कंपनी द्वारा दिए गए जवाब तथा जमा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतियों का विश्लेषण किया। इसके अलावा आरबीआई ने उन मौखिक प्रस्तुतियों पर भी विचार किया,जो व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई थी और अंततः निष्कर्ष पर पहुँचा कि पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड पर आरबीआई के निर्देशों का अनुपालन न करने का जो आरोप लगाया गया था,वह प्रमाणित होता है। इसलिए कंपनी पर मौद्रिक जुर्माना लगाना जरूरी हो गया।
हालाँकि,इस कार्रवाई को आरबीआई ने नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी समझौते या लेनदेन की वैधता पर फैसला लेना नहीं है।