वाशिंगटन,31 मार्च (युआईटीवी)- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ तीखी टिप्पणियाँ कीं। उन्होंने कहा कि यदि रूस ने उनकी कोशिशों में रुकावट डालने की कोशिश की,जो यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए की जा रही हैं,तो वे रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर 25% से 50% तक का सेकेंडरी टैरिफ लगा देंगे। यह बयान ट्रंप की ओर से एक बेहद कड़ा संदेश था,जो रूस की गतिविधियों और यूक्रेन के युद्ध में उनके रवैये को लेकर उनकी बढ़ती असंतोष को दर्शाता है।
ट्रंप ने एनबीसी न्यूज से एक टेलीफोन इंटरव्यू के दौरान कहा कि वह पुतिन से खासे नाराज हैं,विशेषकर उस समय,जब पुतिन ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे। यह स्थिति पिछले सप्ताह हुई थी,जब पुतिन ने यूक्रेन के नेतृत्व को आलोचनाओं का निशाना बनाया था और यह ट्रंप के लिए एक बड़ा कारण था नाराजगी का। ट्रंप ने साफ तौर पर कहा कि अगर रूस ने यूक्रेन में रक्तपात को रोकने के लिए किए जा रहे समझौतों में रुकावट डालने की कोशिश की, तो वे रूस के खिलाफ कड़ी आर्थिक कार्रवाई करेंगे।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन के प्रति ट्रंप का रवैया जनवरी में पदभार ग्रहण करने के बाद से नरम था,लेकिन रविवार को उनके बयान में एक तल्खी और कड़ा रुख देखा गया। यह बदलाव उनकी बढ़ती हताशा को भी दर्शाता है,क्योंकि यूक्रेन के संघर्ष को लेकर कोई ठोस प्रगति नहीं हो पा रही है। ट्रंप ने कहा, “यदि रूस और मैं यूक्रेन में रक्तपात को रोकने के लिए कोई समझौता करने में असमर्थ रहे और मुझे ऐसा लगा कि यह रूस की गलती है,तो मैं रूस से आने वाले सभी तेल पर सेकेंडरी टैरिफ लगाने की योजना बना रहा हूँ।”
ट्रंप का यह बयान एक महत्वपूर्ण आर्थिक चेतावनी थी। उन्होंने यह भी कहा कि रूस से तेल खरीदने वाले देशों को अमेरिकी बाजार में व्यापार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ट्रंप ने स्पष्ट किया कि यह कदम बहुत कठोर होगा और इसका असर वैश्विक तेल व्यापार पर पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि, “यह इसका मतलब होगा कि अगर आप रूस से तेल खरीदते हैं,तो आप अमेरिका में व्यापार नहीं कर सकते। सभी तेल पर 25% से 50% तक का टैरिफ लगाया जाएगा।” यह एक कड़ा और स्पष्ट संदेश था, जिसका उद्देश्य रूस पर दबाव डालना था,ताकि वह यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए कदम उठाए।
ट्रंप ने बाद में पत्रकारों से कहा कि वे पुतिन से निराश हैं,लेकिन यह भी जोड़ा कि वे महसूस करते हैं कि दोनों देशों के बीच कदम दर कदम प्रगति हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस सप्ताह में पुतिन से बात करने की उनकी योजना है,जो दर्शाता है कि वे अभी भी बातचीत की दिशा में कदम उठाने के पक्षधर हैं। ट्रंप ने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी,तो वे अगले महीने तक नए व्यापारिक कदम उठा सकते हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि ट्रंप के पास रूस पर दबाव बनाने के लिए कई योजनाएँ हो सकती हैं और वह इस मुद्दे को प्राथमिकता दे रहे हैं।
इस बयान के बाद,मॉस्को की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। हालाँकि, पुतिन ने शुक्रवार को एक नया प्रस्ताव पेश किया था,जिसमें उन्होंने सुझाव दिया था कि यूक्रेन को अस्थायी प्रशासन के तहत रखा जा सकता है,ताकि नए चुनाव हो सकें जो जेलेंस्की को सत्ता से बाहर कर सकें। यह पुतिन का नया दृष्टिकोण था,जो उनके युद्ध के अंत को लेकर एक प्रकार का समाधान पेश करने की कोशिश कर रहा था। हालाँकि,यह सुझाव काफी विवादास्पद था और इसके संभावित प्रभावों को लेकर कई विशेषज्ञों ने सवाल उठाए थे।
ट्रंप का यह बयान और पुतिन की प्रतिक्रियाएँ इस बात को दर्शाती हैं कि यूक्रेन युद्ध के समाधान के लिए दोनों देशों के बीच संघर्ष और विरोध बढ़ता जा रहा है। ट्रंप की यह कड़ी चेतावनी रूस को संकेत देती है कि अगर वह युद्ध के अंत के लिए प्रगति नहीं करता,तो उसे गंभीर आर्थिक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। दूसरी ओर,पुतिन की अस्थायी प्रशासन का सुझाव यूक्रेन के संघर्ष को हल करने की एक कोशिश हो सकती है,लेकिन यह भी पूरी दुनिया में विवाद और चिंताओं का कारण बना है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन के संघर्ष को समाप्त करने के लिए अपनी योजनाओं को साफ किया है और साथ ही रूस पर दबाव बनाने के लिए कड़े आर्थिक कदमों की चेतावनी दी है। उनका यह बयान न केवल रूस,बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक संकेत है कि अगर युद्ध को समाप्त करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए,तो अमेरिका अपनी आर्थिक शक्तियों का इस्तेमाल करेगा। इस सब के बीच,पुतिन की स्थिति और उनके प्रस्तावों को लेकर एक गंभीर वैश्विक बहस जारी रहेगी, क्योंकि दोनों पक्षों के बीच मतभेद और विरोध बढ़ता जा रहा है।