लिस्बन,9 अप्रैल (युआईटीवी)- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में असेंबलीया दा रिपब्लिका,यानी पुर्तगाली संसद के अध्यक्ष जोस पेड्रो अगुइर-ब्रैंको से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने विभिन्न द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने इस पर भी सहमति जताई कि भारत और पुर्तगाल की संसदों के बीच नियमित आदान-प्रदान से दोनों देशों के बीच संबंधों को और अधिक मजबूत किया जा सकता है। यह बैठक दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने और आपसी संबंधों को बेहतर बनाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का लिस्बन पहुँचने पर जोस पेड्रो अगुइर-ब्रैंको ने गर्मजोशी से स्वागत किया। पुर्तगाली संसद भवन में उनका औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर से स्वागत किया गया,जो इस यात्रा की ऐतिहासिक और सम्मानजनक शुरुआत का प्रतीक था। यह मुलाकात भारत और पुर्तगाल के बीच ऐतिहासिक संबंधों को ध्यान में रखते हुए आयोजित की गई,जो दोनों देशों के बीच मजबूत कूटनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों को और बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करती है।
विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि राष्ट्रपति मुर्मू ने असेंबलीया दा रिपब्लिका के अध्यक्ष जोस पेड्रो अगुइर-ब्रैंको के साथ उपयोगी और सकारात्मक वार्ता की। दोनों पक्षों ने भारत-पुर्तगाल संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया और इस दिशा में संभावित कदमों की पहचान की। राष्ट्रपति मुर्मू ने इस अवसर पर भारत-पुर्तगाल संसदीय मैत्री समूह के सदस्यों से भी मुलाकात की और संसद सदस्यों के साथ विचार-विमर्श किया,जिससे दोनों देशों के संसदीय संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के रास्ते खुले। यह बैठक भारत और पुर्तगाल के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुई।
राष्ट्रपति मुर्मू को लिस्बन में ‘सिटी की ऑफ ऑनर’ सम्मान से नवाजा गया,जो शहर के सर्वोच्च सम्मान में से एक है। यह सम्मान लिस्बन के मेयर,कार्लोस मोएदास ने राष्ट्रपति मुर्मू को प्रदान किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मू ने लिस्बन के मेयर और यहाँ के लोगों का आभार व्यक्त किया और कहा कि लिस्बन एक ऐसा शहर है,जिसे अपनी खुली सोच,संस्कृति,सहिष्णुता और विविधता के प्रति सम्मान के लिए जाना जाता है। राष्ट्रपति ने लिस्बन की महानता की सराहना करते हुए इसे एक वैश्विक शहर बताया,जो तकनीकी बदलाव,इनोवेशन,डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और डिजिटल संक्रमण के मामले में सबसे आगे है। उन्होंने यह भी कहा कि इन क्षेत्रों में भारत और पुर्तगाल के बीच भविष्य में और अधिक सहयोग की संभावनाएँ हैं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने इस अवसर पर यह भी कहा कि पुर्तगाल एक ऐसा देश है जिसके साथ भारत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं। यह संबंध सदियों से जारी हैं और दोनों देशों ने एक दूसरे के इतिहास और संस्कृति को गहरे स्तर पर समझा और सम्मानित किया है। राष्ट्रपति ने कहा कि पुर्तगाल और भारत के बीच सांस्कृतिक संबंधों ने हमारे रोजमर्रा के जीवन पर एक अमिट छाप छोड़ी है। यह भी साफ था कि दोनों देशों के बीच व्यापार,संस्कृति और शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक सहयोग की संभावना है,जिससे भारत और पुर्तगाल के संबंधों को और मजबूत किया जा सकता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुर्तगाल और स्लोवाक गणराज्य की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा पर हैं। यह 25 वर्षों में भारत के राष्ट्रपति की इन देशों की पहली राजकीय यात्रा है। इन यात्राओं से यूरोपीय संघ के दो महत्वपूर्ण भागीदारों के साथ भारत के बहुआयामी संबंधों का और विस्तार होगा। पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा के निमंत्रण पर राष्ट्रपति मुर्मू ने 7-8 अप्रैल तक पुर्तगाल की राजकीय यात्रा की। दोनों देशों के नेताओं ने इस यात्रा के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की और भविष्य में सहयोग के नए क्षेत्रों की पहचान की।
पुर्तगाल में अपनी यात्रा के बाद राष्ट्रपति मुर्मू स्लोवाकिया की यात्रा पर जाएँगी। यह 29 वर्षों में भारत के किसी राष्ट्रपति की पहली स्लोवाकिया यात्रा होगी। 9-10 अप्रैल को राष्ट्रपति मुर्मू स्लोवाकिया की यात्रा करेंगी,जहाँ वे स्लोवाकिया के राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी और प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको से मुलाकात करेंगी। राष्ट्रपति मुर्मू इस यात्रा के दौरान स्लोवाक गणराज्य की राष्ट्रीय परिषद के अध्यक्ष रिचर्ड रासी से भी मिलेंगी। इस यात्रा का उद्देश्य स्लोवाकिया के साथ भारत के संबंधों को और मजबूत करना है,जो दोनों देशों के लिए व्यापार,सांस्कृतिक और कूटनीतिक सहयोग के नए रास्ते खोल सकता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की पुर्तगाल और स्लोवाकिया की यात्रा भारतीय विदेश नीति के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। इन यात्राओं के माध्यम से भारत अपने यूरोपीय संघ के प्रमुख भागीदारों के साथ संबंधों को और प्रगाढ़ करेगा। पुर्तगाल के साथ ऐतिहासिक सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ स्लोवाकिया के साथ भी नए संबंध स्थापित होंगे। राष्ट्रपति मुर्मू के इन दोनों देशों की यात्रा से भारत के वैश्विक कूटनीतिक संबंधों में और अधिक मजबूती आएगी और यह दोनों देशों के बीच आर्थिक,सांस्कृतिक और राजनीतिक सहयोग में नई दिशा प्रदान करेगा।