भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू (तस्वीर क्रेडिट@Jishasajithche3)

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए वेटिकन सिटी के लिए हुई रवाना,भारत की ओर से देंगी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली,25 अप्रैल (युआईटीवी)- भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार, 25 अप्रैल को वेटिकन सिटी के लिए रवाना हुईं,जहाँ वह पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में शामिल होकर भारत की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करेंगी। राष्ट्रपति के साथ इस उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री श्री किरेन रिजिजू,अल्पसंख्यक मामलों और मत्स्य पालन,पशुपालन और डेयरी के राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन तथा गोवा विधानसभा के उपाध्यक्ष श्री जोशुआ डी सूजा भी शामिल हैं।

विदेश मंत्रालय ने पोप फ्रांसिस के निधन पर राष्ट्रपति मुर्मू के भारत के प्रतिनिधित्व करने की पुष्टि की है। 21 अप्रैल 2025 को पोप फ्रांसिस का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया,जिससे वैश्विक ईसाई समुदाय सहित समस्त मानवता ने एक करुणामय, विनम्र और आध्यात्मिक मार्गदर्शक को खो दिया। इस दुखद अवसर पर भारत की ओर से संवेदना व्यक्त करने के लिए राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू 25 से 26 अप्रैल तक वेटिकन सिटी की दो दिवसीय यात्रा पर हैं।

भारत के विदेश मंत्रालय (एमईए) द्वारा जारी आधिकारिक बयान में पुष्टि की गई कि राष्ट्रपति मुर्मू इस यात्रा के दौरान दिवंगत पोप को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगी और भारत सरकार तथा भारतीय जनता की ओर से संवेदनाएँ व्यक्त करेंगी। यह यात्रा भारत की अंतर्राष्ट्रीय मानवीय मूल्यों और अंतरधार्मिक संवाद के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

राष्ट्रपति सेंट पीटर बेसिलिका में पोप के पार्थिव शरीर को श्रद्धासुमन अर्पित करेंगी। इसके अतिरिक्त,वह 26 अप्रैल को आयोजित होने वाले अंतिम संस्कार समारोह में भी भाग लेंगी,जिसमें अनेक वैश्विक नेता,धर्मगुरु और अन्य प्रतिष्ठित हस्तियाँ शामिल होंगी।

वेटिकन सिटी की आधिकारिक घोषणा के अनुसार,अब तक लगभग 130 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडलों ने अंतिम संस्कार में भाग लेने की पुष्टि की है। इन प्रतिनिधिमंडलों में 50 राष्ट्राध्यक्ष और 10 से अधिक शाही परिवारों के सदस्य भी सम्मिलित हैं। यह आयोजन विश्व स्तर पर शांति,एकता और धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक बन गया है।

भारत सरकार ने पोप फ्रांसिस के निधन पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय शोक की घोषणा की थी,जिसमें देशभर में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहा। इसके अतिरिक्त,पोप के अंतिम संस्कार वाले दिन विशेष राजकीय शोक की घोषणा की गई है। इस दिन भारत में कोई भी आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी पोप फ्रांसिस के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। अपने संवेदना संदेश में उन्होंने कहा कि, “परम पावन पोप फ्रांसिस के निधन से अत्यंत दुखी हूँ। इस शोक की घड़ी में मैं वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति अपनी हार्दिक संवेदनाएँ व्यक्त करता हूँ। पोप फ्रांसिस को उनकी करुणा,विनम्रता और आध्यात्मिक नेतृत्व के लिए हमेशा याद किया जाएगा।”

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि, “उन्होंने अपने जीवन को प्रभु ईसा मसीह के आदर्शों के अनुसार ढालते हुए गरीबों,वंचितों और पीड़ितों की सेवा में समर्पित कर दिया था। वह दुनिया के लिए आशा का प्रतीक बन गए थे। मुझे उनके साथ हुई मुलाकातें आज भी प्रेरणा देती हैं। समावेशी और सर्वांगीण विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उल्लेखनीय थी। भारत के लोगों के प्रति उनका प्रेम हमेशा याद किया जाएगा।”

यह यात्रा न केवल एक धार्मिक और कूटनीतिक घटना है,बल्कि भारत की ओर से अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता और वैश्विक सहानुभूति की भावना को भी दर्शाती है। राष्ट्रपति मुर्मू की उपस्थिति वेटिकन सिटी में भारत और कैथोलिक समुदाय के बीच परस्पर सम्मान और सहयोग को और भी सुदृढ़ बनाएगी।

भारत की यह पहल यह दर्शाती है कि वैश्विक मानवीय मूल्यों और अंतरधार्मिक संवाद को लेकर भारत की प्रतिबद्धता गहरी है। ऐसे समय में,जब पूरी दुनिया करुणा, सहिष्णुता और शांति की ओर देख रही है,भारत की यह भागीदारी एक मजबूत सांकेतिक संदेश देती है।